विगत तीन चार वर्षों के भीतर उसने जनपद ही नहीं गैर जनपदों में भी अपने अपराध का डंका बजाने में पीछे नहीं रहा। देखते ही देखते पूर्वांचल के कई जनपदों में संगीन वारदातों को अंजाम देने के मामले में कुख्यात हो चुके रामजी पासी के विरुद्ध हत्या प्रयास, लूट, धोखाधड़ी जैसे दर्जनभर अभि
योग पंजीकृत हो गए। हाल ही में वाराणसी जोन के एडीजी द्वारा इस शातिर अपराधी के ऊपर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। रामजी पासी के साथ वारदातों को अंजाम देने वाले राकेश पासी पर भी एडीजी की ओर से 15 हजार के इनाम घोषित किए जा चुके हैं।
मेंहनगर क्षेत्र के गोपालपुर गांव का रहने वाला राकेश पासी भी शातिर दिमाग अपराधी है। इस अपराधी के खिलाफ जनपद के विभिन्न थानों में हत्या प्रयास व लूट के कुल 10 अभियोग पंजीकृत बताए गए हैं। इन दिनों जनपद में सक्रिय इन दोनों इनामी अपराधियों के लिए क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया था। उक्त दोनों अपराधी वर्तमान समय में गंभीरपुर थाना क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाए हुए थे और यहीं से रोज योजना बनाकर अपने ग्रुप के साथियों के साथ वारदात को अंजाम देते थे। इस बात की भनक जिले की क्राइम ब्रांच को लगी और वह मेंहनगर क्षेत्र में इन अपराधियों के लोकेशन पर निगरानी रखने लगी। नतीजा रहा कि गुरुवार को दिन में गंभीरपुर क्षेत्र के श्रीरामगंज बाजार के पास किसी वारदात को अंजाम देने के लिए जा रहे दोनों बदमाश पुलिस की घेरेबंदी की जद में आ गए। पुलिस देख फायर कर भागते समय रामजी पासी को गोली लगी और वह मौके पर ही ढेर हो गया।
इसके बाद घटनास्थल पर अपाचे बाइक छोड़कर दूसरा इनामी अपराधी राकेश पासी पुलिस पर फायर करते हुए भागने लगा, लेकिन स्कूल से घर लौट रहे बच्चे उसके लिए ढाल बन गए। इस बात का मलाल पुलिस को भी है। इस संबंध में एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है की जवाबी कार्रवाई के दौरान मासूमों की जान जा सकती थी। इस वजह से पुलिस को अपने कदम पीछे खींचने पड़ गए। इस मुठभेड़ में क्राइम ब्रांच के स्वात टीम का आरक्षी विनोद सरोज भी गोली लगने से घायल हो गया। अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। मुठभेड़ के दौरान मौके से भागने वाला इनामी राकेश पासी रास्ते में जिस व्यक्ति की बाइक छीन कर फरार हुआ, उस मामले में भी उसके खिलाफ पुलिस ने थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
शुक्रवार को जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मृतक के बड़े भाई जियापुर गांव के प्रधान दिनेश सरोज ने बताया कि 2010 में मृतक रामजी गांव के बीडीसी चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल किया था। जीविकोपार्जन के लिए वह क्षेत्र के खुशियांपुर मोड़ पर डीजल-पेट्रोल व अन्य सामान बेचने का कार्य करता था। गत वर्ष क्राइम ब्रांच ने उसे किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद अक्सर पुलिस उसकी तलाश में घर आती थी, जिसकी वजह से वह अपने घर पर कम आता-जाता था। क्षेत्र में चर्चा के अनुसार पांच भाइयों में सबसे छोटा रामजी पासी स्वभाव से मनबढ़ था।
क्षेत्र के अपराधियों में उसकी गिनती होती थी। रामजी की मुठभेड़ में हुई मौत के बाद उसकी मां धनवती देवी व पत्नी ज्ञानती देवी का आरोप है कि रामजी को पुलिस ने अपराधी बना दिया। मृतक रामजी पासी की पांच संतानों में दो बेटी नेहा व शालू और तीन पुत्र दीपक, सोनू और आकाश हैं। रामजी पासी के मारे जाने के बाद इस संबंध में पूछे जाने पर एसपी ग्रामीण एनपी सिंह का कहना है कि अब पुलिस के निशाने पर मौके से फरार हुआ 15 हजार का इनामी राकेश पासी है। अनुमान है कि शीघ्र ही इस अपराधी के आतंक से आमजन को जल्द मुक्ति मिलने की सम्भावना है।