हुनर संस्थान सचिव व रंगकर्मी सुनील दत्त विश्वकर्मा ने बताया कि यह महोत्सव लगातार 18 वर्षो से आयोजित हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का ही परिणाम है कि कोविड-19 के कारण रेल कनेक्टविटी न मिलने के बाद भी देश के विभिान्न राज्यों से कलाकार यहां पहुंच रहे हैं। इस बार 10 नाटक और लोकनृत्य दलों को ही आमंत्रित किया गया है। इन दलों द्वारा 8 नाटकों का मंचन इन 3 दिनों में किया जाएगा। देश के नामचीन नाट्य दल महोत्सव में हिस्सा ले रहे हैं।
महोत्सव का आगाज अख्तर अली द्वारा लिखित ‘अजब मदारी, गजब तमाशा‘ नाटक के साथ शाम 5.30 बजे से होगा। 40 मिनट की इस प्रस्तुति के बाद विश्वरूपम कला संगम वाराणसी की प्रस्तुति होगी, जिसमें राजकुमार वर्मा लिखित राजा विक्रमादित्य का मंचन किया जाएगा। अंत में शाम 7.30 बजे से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना लिखित और अनुज कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में हवालात नाटक का मंचन ड्रैमेटिक एसोसिएशन आफ थिएटर इंटरटेनर्स टाटा नगर जमशेदपुर झारखंड की प्रस्तुति होगी।
उन्होंने बताया कि जमशेदपुर, कला निकेतन धनबाद व विश्वरूपम कला संगम वाराणसी की टीम आ चुकी है, जिनके नाटक उदघाटन सत्र में क्रमशः होंगे। महोत्सव को सफल बनाने के लिए डा. पीयूष सिंह यादव को आयोजन अध्यक्ष, समाजसेवी अभिषेक जायसवाल दीनू को स्वागताध्यक्ष मनोनीत किया गया है। स्थानीय कार्यक्रम की जिम्मेदारी गौरव मौर्य, कमलेश सोनकर, आकाश गोंड, सावन प्रजापति, करन सोनकर, काजल सिंह, कशिश गुप्ता, ईशा अग्रवाल को दी गई है। रंगग्राम की जिम्मेदारी शशि सोनकर, अमरजीत विश्वकर्मा, रवि चैरसिया, राकेश कुमार, विनय कुमार को सौंपी गई है। सपना बनर्जी, अनुराधा राय, डा. पंखुड़ी मौर्य व श्रुति अग्रवाल को स्वागत की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी महोत्सव ऐतिहासिक होगा।
BY Ran vijay singh