बता दें कि अतरौलिया क्षेत्र निवासी रामकेश सोनी नामक युवक बीते 19 जून को सड़क हादसे में घायल हो गया था। जिला अस्पताल से रेफर कर दिए जाने पर घायल युवक को शहर के लछिरामपुर स्थित वेदांता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। 22 जून को उपचाराधीन युवक के परिजनों ने आरोप लगाया कि मोटी रकम वसूलने की नीयत से मौत के बाद भी अस्पताल के चिकित्सक डा. शिशिर जायसवाल व स्वास्थ्य कर्मी मुर्दे का इलाज कर रहे हैं। इस बात को लेकर परिजनों द्वारा हंगामा करने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें बुरी तरह मारपीट कर घायल कर दिया था।
बात बढ़ने पर पुलिस ने अस्पताल कर्मियों और डा. शिशिर जायसवाल के भाई को हिरासत में लिया लेकिन राजनीतिक दबाव में उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद पीड़ित के पक्ष में जिले के सामाजिक संगठन खड़े हो गये। कारण कि इस अस्पताल पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके थे। विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मुकदमा संख्या 182/18 धारा 323, 504, 304ए के तहत मामला दर्ज किया।
कुछ दिन बाद इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी। इसकी जानकारी होने पर मृतक के पत्नी के भाई तहबरपुर थाना क्षेत्र के रैसिंहपुर गांव निवासी प्रकाश सोनी पुत्र स्व. सीताराम सोनी ने प्रमुख सचिव गृह को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि राजनीतिक दवाब और डा. शिशिर जायसवाल से मिलीभगत कर पुलिस ने तथ्यों को छिपाते हुए मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी जिसके कारण पीड़ित परिवार न्याय से वंचित है और अस्पताल प्रबंधन लगातार दूसरे मरीजों के साथ भी मनमानी कर रहा है। मामले को गंभीरत से लेते हुए प्रमुख सचिव ने एसपी को जांच कर मामले आख्या देने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गयी है। एसपी सिटी ने मृतक की पत्नी ऊषा का बयान दर्ज कर चुकी है। दूसरे पक्ष को भी बयान के लिए बुलाया गया है।
इस मामले में भाजपा नेता रमाकांत मिश्र का कहना है कि पीड़ित काफी गरीब है और राजनीतिक दबाव के चलते उसके साथ अन्याय हुआ है। वे इस मामले को लेकर आज ही एसपी सिटी से मिले है। पुलिस जांच कर रही है। यदि पीड़ित के साथ न्याय नहीं हुआ और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो वे पीड़ित के साथ सीएम से मुलकात कर मामले से अवगत करायेंगे।