बता दें कि घाघरा नदी सगड़ी तहसील क्षेत्र के दियारा में पिछले दो महीने से कहर बरपा रही है। बाढ़ से पूरे दियारा में त्राहि-त्राहि मची है। महुला गढ़वल बांध के नालों पर बने रिंग बांध उपेक्षा के चलते कमजोर हो गये है। बाढ़ शुरू होने के बाद से ही रिंग बांधों में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रिसाव हो रहा है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से लगायत वन मंत्री दारा सिंह चैहान व आजमगढ़ के प्रभारी मंत्री सुरेश राणा तक से की लेकिन किसी ने इसे गंभीरता ने नहीं लिया।
परिणाम रहा कि 2 अगस्त को बदरहुआ नाले के पास बंधा टूट गया था। प्रभारी मंत्री सुरेश राणा, वन मंत्री दारा सिंह चैहान मौके पर पहुंचे। लापरवाही पर एक्सियन बाढ़ खंड के खिलाफ कार्रवाई की बात कही लेकिन कुछ नहीं हुआ। परिणाम रहा कि बंधे की मरम्मत में हफ्तों का समय लगा और रिसाव की तो मरम्मत ही नहीं की गयी।
रिसाव का ही परिणाम रहा कि मंगलवार की सुबह घाघरा नदी की मुख्यधारा ने महुला गढ़वल बांध के किनारे स्थित गांगेपुर रिंग बांध को तोड़ दिया। दोपहर 1 बजे तक 50 मीटर रिंग बांध घाघरा की मुख्यधारा में समाहित हो गया। दर्जनों पेड़ घाघरा नदी की मुख्य धारा में विलीन हो गए हैं। बचाव के लिए रिंग बांध के किनारे लगभग सैकड़ों पेड़ रखे गए थे लेकिन वो भी धारा में नहीं टिक पाए।
बांध कटने से 1000 किसानों की फसल बर्बाद हो गई। इसमें गांगेपुर पर्शिया मठिया के किसानों की फसल ज्यादा बर्बाद हुई है। लगभग तीन किलोमीटर लंबा रिंग बांध करोड़ों रुपए की लागत से बना था। जानाकरी होने पर डीएम समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। पिछले एक सप्ताह से घाघरा नदी की मुख्यधारा रिंग बांध के करीब कटान कर रही थी। इस पर उपजिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी ने निरीक्षण कर बचाव के निर्देश दिए थे। किंतु अभी तक कोई ठोस कार्य नहीं होने की वजह से बांध कट गया। बंधा टूटने के बाद अधिकारी जरूर जागे और पूर्वाह्न करीब नौ बजे मरम्मत कार्य शुरू किया गया लेकिन अब तक पूरी तरह कामियाबी नहीं मिली है। जिलाधिकारी राजेश कुमार का कहना है। बाढ़ से जो भी नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाएगा। बाढ़ खण्ड एक्सइएन दिलीप कुमार को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया।घाघरा नदी की मुख्यधारा मोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।