बता दें कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की तरफ से चालक व परिचालक को वर्दी व जूता आदि उपलब्ध करा दिया गया है। चार अप्रैल को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक विनीत सेठ ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ड्रेस कोड में ही चालक को बसों को चलाएंगे। वहीं परिचालक भी ड्रेस में ही टिकट काटेंगे।
इस वर्दी से चालक व परिचालक को यात्री तत्काल पहचान लेंगे, जिससे उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी। शासनादेश के मुताबिक अगर कोई चालक परिचालक ड्रेस कोड का पालन नहीं करता और बिना ड्रेस पहने ड्यूटी करता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें प्रथम बार 50 रुपये, द्वितीय बार 250 व तृतीय बार बिना ड्रेस के मिलने पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा।
क्षेत्रीय प्रबंधक वीके सिंह का कहना है कि चालक व परिचालक निर्धारित ड्रेस कोड में ही बसों का संचालन करेंगे। इसकी जांच की जा रही है। बिना ड्रेस कोड के मिलने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि परिक्षेत्र में 224 चालक, 512 संविदा चालक, 231 परिचालक और 480 संविदा परिचालक हैं। सभी पर यह नियम लागू है। शासनादेश की अनदेखी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।