आजमगढ़। संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिले के रोजगार सेवकों ने बुधवार को डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डीएम को ज्ञापन सौंप तत्काल कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
रामबचन सरोज ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों का मासिक मानदेय छह हजार रुपये निर्धारित है, जबकि भारत के कई राज्यों में समूह ग के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी ग्राम रोजगार सेवकों के लिए समान वेतन लागू किया जाना चाहिए। जिस तरह कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, पेंशन, बोनस, हेल्थ इंश्योरेंश व दुर्घटना बीमा आदि की सुविधा है उसी प्रकार हमें भी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की अनेक योजनाओं को संचालित करने में हम अपना योगदान देते हैं लेकिन जाब चार्ट में सिर्फ मनरेगा का कार्य ही होने के कारण हमारे योगदान की गिनती नहीं की जाती है। इसलिए जाब चार्ट में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों को जोड़ा जाना न्यायोचित होगा। अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की अनेक योजनाओं को संचालित करने में हम अपना योगदान देते हैं लेकिन जाब चार्ट में सिर्फ मनरेगा का कार्य ही होने के कारण हमारे योगदान की गिनती नहीं की जाती है। इसलिए जाब चार्ट में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों को जोड़ा जाना न्यायोचित होगा। अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।