बता दें कि वर्ष 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी मात खाने के बाद सपा बसपा से गठबंधन कर बीजेपी को मात देने के प्लान पर काम कर रही थी लेकिन हाल में शिवपाल यादव ने नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर और सपा के कई कद्दावर नेताओं को अपने पाले में कर अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा दी है। अब सपा का एक और प्रतिद्वंद्वी बढ़ गया है। शिवपाल यादव भी करीब 24 छोटे दलों के साथ गठबंधन कर यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे है। यह भी चर्चा है कि शिवपाल मायावती से भी गठबंधन कर सकते है। रहा सवाल बसपा सुप्रिमों का तो उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन न करने की घोषणा कर अपनी स्थित साफ कर दी है कि अपने हित की अनदेखी कर कोई समझौता करने वाली नहीं है।
सपा से गठबंधन को लेकर उनका रूख क्या होगा अभी कह पाना मुश्किल है कारण कि इस मुद्दे पर न तो मायावती ने कभी खुलकर बात की है और ना ही उनकी पार्टी के बड़े नेता ही कुछ बोलने को तैयार हैं। इससे सपा के लोग भी असमंजस में दिख रहे हैं। मायावती ने पूर्वांचल की कई सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर सपा का टेंशन और बढ़ा रही है। ऐसे में सपा भी अब गठबंधन न होने की स्थित में अकेले चुनाव लड़ना पड़े तो वे तैयारियों में पीछे न रह जाय इस नजरिये से काम में जुट गयी है।
सपा की पहली प्राथमिकता है कि उनके नेता और कार्यकर्ता शिवपाल के साथ न जायें। साथ ही बूथ स्तर पर पार्टी इतनी मजबूत हो कि विपक्ष को अकेले मात दिया जा सके। यही वजह है कि पाटी जिले की सभी दस विधानसभाओं में बूथ स्तरीय सम्मेलन कर रही है। इस कार्यक्रम की आज शुरूआत भी हो गयी। पहले दिन गुरूवार को लालगंज में सम्मेलन किया गया। इसमें पार्टी के बड़े नेता तो भाग लिये ही साथ ही बूथ कमेटी, सेक्टर कमेटी व विधानसभा कमेटियों के पदाधिकारी भी बड़ी तादात में शामिल हुए।
अब 5 अक्टूबर को मेंहनगर, 6.अक्टूबर को मुबारकपुर व गोपालपुर, 7 अक्टूबर को अतरौलिया, 8अक्टूबर को सगडी़, 9 अक्टूबर को सदर, 11 अक्टूबर को निजामाबाद व 17 अक्टूबर को दीदारगंज का सम्मेलन होगा। फूलपुर पवई में सम्मेलन के तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है। इन सम्मेलनों में राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव, दुर्गा प्रसाद यादव एमएलए/पूर्व मंत्री, विधायकगण आलमबदी, कल्पनाथ पासवान, डा. संग्राम यादव, नफीस अहमद आदि कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर उन्हें एकजुट करेंगे। इस दौरान उन्हें बताया जाना है कि कैसे बूथ जीतकर सीट जीती जायेगी और विपक्ष को मात दिया जायेगा।