पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की सरकार में शिक्षामंत्री रहे राम आसरे विश्वकर्मा के नेतृत्व में अखिल भारतीय विश्वकर्मा समाज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। सरकार पर समाज के साथ भेदभाव व देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया। इस दौरान पिछड़े समाज की समस्याओं को लेकर भी सरकार पर हमला बोला गया। गरीब और पिछड़ों के हित की अनदेखी का आरोप लगाया गया।
पूर्वमंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा केवल विश्वकर्मा समाज के ही नहीं, बल्कि सभी समाज के आराध्य देव हैं। लोहा, लकड़ी, इंजीनियरिंग, तकनीकी उद्योग आदि से जुड़े लोग 17 सितबंर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर अवकाश रद्द कर सीएम ने केवल उनका अपमान किया, बल्कि भगवान विश्वकर्मा को मानने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया। इससे लोगों में नाराजगी है। हमारी सरकार व राष्ट्रपति से मांग है कि विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित कर विश्वकर्मा को मानने वालो का सम्मान करने का काम करें।
मुलायम ने घोषित किया था सार्वजनिक अवकाश
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2003 में विश्वकर्मा जंयती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। 2012 में अखिलेश यादव सीएम बने तो उन्होंने विश्वकर्मा पूजा को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया, लेकिन वर्ष 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक अवकाश का रद्द कर दिया।