scriptपेराई ही नहीं बिजली उत्पादन व एथेनाल उत्पादन में भी पिछड़ जाएगी चीनी मिल, यह है खास वजह | Sathiaon Sugar Mill May Not Complete Target Due to Bhulekh Feeding | Patrika News

पेराई ही नहीं बिजली उत्पादन व एथेनाल उत्पादन में भी पिछड़ जाएगी चीनी मिल, यह है खास वजह

locationआजमगढ़Published: Nov 19, 2020 07:36:33 am

दि किसान चीनी मिल सठियांव में 50 लाख कुंतल गन्ना पेराई का रखा गया है लक्ष्य
अब तक मात्र 21 हजार किसानों ने ही कराया है भूलेख की फीडिंग, इस हिसाब से सिर्फ 25 लाख कुंतल गन्ना ही पेराई के लिए उपलब्ध

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चीनी मिल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. बाढ़ अति वर्षा के कारण गन्ना के उत्पादन में आयी कमी का असर चीनी मिली पर पड़ता दिखाई दे रहा है। शायद ही दि किसान सहकारी चीनी मिल सठियांव गन्ना पेराई के लक्ष्य को पूरा कर सके। कारण कि इस बार भी पेराई का लक्ष्य 50 लाख कुंतल रखा गया है जबकि अभी तक मात्र 21 हजार किसानों ने ही अपने भूलेख की फीडिंग करायी है। फीडिंग के हिसाब से मात्र 25 लाख कुंतल गन्ना ही पेराई के लिए उपलब्ध है। पेराई का लक्ष्य पूरा न होने की स्थिति में असर बिजली उत्पादन व बगास व शीरा से बनने वाले एथेनॉल पर भी पड़ेग। इससे चीनी मिली की आय प्रभावित हो सकती है।

बता दें कि इस बार अधिक बरसात और बाढ़ से गन्ना की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। खास तौर पर सगड़ी तहसील क्षेत्र में बाढ़ के अलावा दो बार रिंग बांध टूटने से गन्ना की फसल बर्बाद हुई। वहीं मजदूरों की कमी के करण मार्टीनगंज सहित कई क्षेत्रों में किसान गन्ना का उत्पादन बंद कर दिये। कोराना का भी फसल पर असर पड़ा है। इससे गन्ना उत्पादन क्षेत्रफल में भारी कमी आयी है।

वहीं दूसरी तरफ पेराई सत्र 2020-21 में दि किसान सहकारी चीनी मिल सठियांव को 50 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य मिला है। मिल इस बार लक्ष्य से कोसों दूर दिखाई पड़ रही है। इसका कारण गन्ना की उपज कम होना बताया जा रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 21 हजार किसानों ने अपने भूलेख फीड करा दिए हैं। इस आधार पर लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 25 लाख क्विंटल गन्ना आपूर्ति हो सकेगी। ऐसे में साफ है कि विभाग को लक्ष्य पूरा करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

आम तौर पर चीनी मिल में आपूर्ति करने वाले गन्ना किसानों की संख्या लगभग 28 हजार बताई जाती है। इसमें 21 हजार किसानों ने अपना भूलेख कागज फीड करा दिया है। जिसके आधार पर लक्ष्य आधा 25 लाख क्विंटल ही गन्ना की आपूर्ति हो सकेगी। अब मात्र 7000 किसान ही बचे हैं जिन्होंने अपने भूलेख फीड नहीं किया हैं। माना जा रहा है कि यदि इन्होंने अपने भूलेख फीड कर देते हैं तो भी लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल है। विभागीय आंकड़ों की माने तो 37 लाख क्विंटल गन्ना उत्पादन अभिलेख अनुसार उपज है। अभी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 13 लाख क्विंटल की गन्ना की आवश्यकता है जो परिक्षेत्र के किसान पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में चीनी मिल प्रबंधन तंत्र लक्ष्य को पूरा करने का आंकड़ा लक्ष्य से दूर है।

चीनी मिल में प्रतिदिन 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। साथ ही चीनी निर्माण के दौरान तैयार होने वाले बगास व शीरा से यहां एथेनॉल का निर्माण किया जाता है जो पेट्रोल निर्माण में काम आता है। चीनी मिल बिजली और एथेनाॅल के उत्पादन से अच्छी आमदनी करता है। यदि लक्ष्य के अनुरूप पेराई नहीं होती है तो इनका उत्पादन भी प्रभावित होगा इसका सीधा असर मिल की आमदनी पर पड़ेगा।

जीएम चीनी मिल सठियांव प्रताप नारायण का कहना है कि इस बार कोविड 19 के चलते जहां गन्ना का उत्पादन प्रभावित हुआ है। वहीं इस बार अधिक बारिश व बाढ ने भी किसानों को मायूस कर दिया है। किसान अपना भूलेख जल्द से जल्द फीड करा दें। यदि समय से नहीं किया गया तो सट्टा बंद कर दिया जाएगा जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा।

BY Ran vijay singh

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