बता दें कि आयुक्त कनक त्रिठाठी ने एडीए सचिव बाबू सिंह को सर्किट हाउस से सिधारी थाना तक हो रहे अवैध निर्माण के साथ ही साथ विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अन्तर्गत हुए अथवा हो रहे अवैध निर्माणों की विस्तृत जॉच कर नगर योजना व विकास अधिनियम-1973 में प्राविधानित धाराओं के अन्तर्गत अवैध निर्माण के विरूद्ध की गयी कार्यवाही का उल्लेख करते हुए विस्तृत आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि आख्या में इस बात का उल्लेख किया जाय कि निर्मित/निर्माणाधीन भवन सरकारी भूमि पर है या निजी भूमि पर है अथवा ग्रीनलैण्ड में है। स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी सचिव आजमगढ़ विकास प्राधिकरण बाबू सिंह द्वारा मात्र एक रोड पर हुए 09 अवैध निर्माणों की अधूरी सूचना प्रस्तुत की गयी।
इस पर नाराजगी जताते हुए आयुक्त ने कहा है कि इन निर्माणों के विरूद्ध कोई भी ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही नही की गयी है, जिससे यह स्वतः परिलक्षित हो रहा है कि सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा अधिनियम में निर्धारित प्राविधानों के अनुरूप कोई ठोस कार्यवाही न कर मात्र खानापूर्ति के लिए कागजी कार्यवाही की जा रही है। यह कृत्य अत्यन्त ही आपत्तिजनक है, जिससे विभागीय कार्यां के निर्वहन में आपकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध प्रतीत होती है। आयुक्त ने सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि आजमगढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में हुए अथवा हो रहे अवैध निर्माण कार्यां की जॉच कर अधिनियम के अनुसार प्रभावी कार्यवाही करते हुए विस्तृत आख्या एक सप्ताह में प्रस्तुत करें।