बता दें कि एहसान खान ने वर्ष 2008 में कांग्रेस के टिकट पर आजमगढ़ संसदीय सीट से लोकसभा उपचुनाव लड़ा था। बाद में वे सपा में शामिल हो गए। शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया तो एहसान खान शिवपाल के साथ चले गए।
21 अक्टूबर को नोएडा के एक होटल में प्रेस कांफ्रेस कर एहसान ने अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रो. रामगोपाल यादव पर कई गंभीर आरोप लगाये। एहसान का आरोप है कि उनके बयान से खार खाये इटावा निवासी रविंद्र यादव जो खुद को पूर्व सीएम अखिलेश यादव का मामा बताता है फोन पर धमकी दी।
उसने कई बार फोन किया और कहा कि अखिलेश यादव के खिलाफ बयान बंद करो। अगर उनपर मुस्लिम विरोधी का टैग लगाया या फिर बहनजी से गठबंधन के संबंध में बोला तो तुम्हे मरवा दिया जायेगा। ऐसा मैं नही पूर्व सीएम ने कहा है। रविंद्र द्वारा एहसान के मोबाइल पर एसएमएस कर धमकी दी।
इस मामले में एहसान ने तहरीर दी और पूर्व सीएम और रविंद्र यादव पर हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए एफआईआर की मांग की। पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज न करने पर एहसान ने सीएम और प्रमुख सचिव गृह को पत्र देकर एफआईआर कराने तथा सुरक्षा देने की मांग की।
अब इस मामले को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लोग मंडल प्रभारी रामदर्शन यादव, फैजाबाद मंडल के प्रभारी फूलचंद यादव, प्रदेश प्रमुख सचिव सुनीता सिंह, जिलाध्यक्ष रामप्यारे यादव 26 नवंबर को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। एहसान का कहना है कि यदि इसके बाद भी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
BY- RANVIJAY SINGH