आजामगढ़. यूपी चुनाव से पहले एक बार फिर सपा में घमासान शुरू हो गयी है और इसका असर मुलायम सिंह यादव के संदसीय क्षेत्र पर पड़ता साफ दिखाई दे रहा है। चचा भतीजे के भतीजे के बीच फिर शुरू हुई रार में जिले के तीन विधायकों के टिकट की बली चढ़ सकती है। वहीं मऊ से मुख्तार अंसारी के भाई सिगबतुल्लाह का टिकट कटने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बता दें कि सीएम अखिलेश यादव और शिवपाल द्वारा सपा मुखिया को प्रत्याशियों की अलग अलग सूची सौंपने के बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गयी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री माफिया और दंबंग किस्म के लोगों को टिकट देने की मुखालफत कर रहे हैं। पूर्व में सपा में हुई घमासान की वजह भी यही थी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव जो मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने कौएद के विलय में शिवपाल के साथ अहम भूमिका निभाई थी और मुख्यमंत्री ने विलय के बाद बलराम को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
बलराम का मीडिया के सामने फफक कर रोने के बाद मुलायम सिंह यादव ने मंत्रीमंडल में उनकी वापसी करा दी थी। बाद में कौएद का विलय जरूर हुआ लेकिन यह माना जा रहा था कि सीएम इसके खिलाफ है। अब मुख्तार के भाई सिगबतुल्लाह को सपा ने उम्मीदवार बना दिया है। इससे सीएम नाराज है। वहीं दूसरी तरह आजमगढ़ के सगड़ी विधायक अभय नारायन पटेल की काफी शिकायते हैं।
खासतौर पर उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे जनता से लगातार दूर रहे हैं। जिससे सीएम की नजर पर चढ़े हुए हैं। चर्चा तो यहां तक है कि जिले के एक मंत्री जो कभी विधायक के बहुत करीबी हैं। वे अब किसी और के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं। वहीं मेहनगर विधायक बृजलाल सोनकर लगातार विवादों में घिरे रहे हैं। ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान उनपर एक हत्यारोपी को अपने वाहन से लेजाकर वोट दिलाने का आरोप लगा था। तो पिछले दिनों सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान विधायक ने महिलासभा की जिलाध्यक्ष सुनीता सिंह से हाथापाई की थी।
यहीं नहीं पिछले दिनों उन्होंने अपने क्षेत्र में अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया था जिसके बाद अधिवक्ताओं ने विधायक को घंटों रोककर रखा था। इनके खिलाफ भी एक लाबी काम कर रही है लेकिन चाचा भतीजे के बीच विवाद के दौरान विधायक ने मुख्यमंत्री के पक्ष में खुलकर मैदान में उतर अपनी छबि बनाने की कोशिश की थी। उसके बाद उन्हें लालबत्ती भी दे दी गयी थी लेकिन क्षेत्र में खराब छबि इनपर भारी पड़ती दिखाई दे रही है।
तीसरे नंबर पर फूलपुर विधायक श्याम बहादुर यादव हैं। पिछले चुनाव में मात्र आठ सौ मतों के मामूली मतों से जीते थे। क्षेत्र में इनकी भी छवि को लेकर सवाल उठता रहा है। वही पिछले दिनों नेहरूहाल में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री वसीम का विरोध कर नजर पर चढ़े हुए हैं। जिसका खामियाजा इन्हें भी भुगतना पड़ सकता है। वैसे पार्टी में इस मुददे पर अभी कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है लेकिन इस बात की चर्चा चारो ओर है।