अंबेडकरनगर जिले के जलालपुर तहसील के कादीपुर गांव निवासी सुभाष रोजी रोटी के लिए परिवार समेत लुधियाना में रहता था। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लाक डाउन में काम काज ठप हुआ तो दंपति की मुश्किल बढ़ गयी और सुभाष गर्भवती पत्नी के साथ घर लौटने का फैसला किया। गुरूवार को पूरा परिवार श्रमिक एक्सप्रेस से घर के लिए रवाना हुए। श्रमिक एक्सप्रेस जैसे ही फैजाबाद से आगे बढ़ी सुभाष की पत्नी सरोजा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी। ट्रेन में कोई डाक्टर नहीं था। प्रसव पीड़ा बढ़ी तो बोगी में बैठी महिलाएं आगे आयी और दर्द से कराह रही सरोजा की मदद कर प्रसव कराया।
अंबेडकरनगर स्टेशन पहुंचने से पहले ही सरोजा ने बच्ची को जन्म दिया। चलती ट्रेन में बच्ची का सकुशल जन्म होने पर सभी ने राहत की सांस ली। लोगों ने दंपत्ति को बधाई दी तो हंसी मजाक भी शुरू हुआ। बात कोरोना तक पहुंची तो सुभाष ने लगे हाथ अपनी बेटी का नाम कोरोना देवी रख दिया। इसी बीच श्रमिक एक्सप्रेस सरायमीर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गयी। एसडीएम निजामाबाद को जब महिला के प्रसव की जानकारी हुई तो उन्होंने डाक्टर को बुला कर प्रसूता व नवजात की जांच कराई। जांच में दोनों पूरी तरह से स्वस्थ्य पाए गए।
इसके बाद एंबुलेंस बुला कर प्रसूता व नवजात को उनके घर भेजा गया। सुभाष ने कहा कि महामारी के दौर में उसके घर लक्ष्मी आयी हैं। इसलिए उसका नाम कोरोना देवी ही रहेगा। बता दें कि इसके पूर्व भी एक महिला ने श्रमिक एक्सप्रेस में बच्ची को जन्म दिया था। एक सप्ताह के भीतर ट्रेन में दूसरी बच्ची का जन्म हुआ है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।