बता दें कि चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल एक दूसरे का वोट बैंक हथियाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी दलित और अन्य पिछड़ों के बीच लगातार कार्यक्रम चला रही है। इससे गठबंधन में बौखलाहट साफ दिख रही है। सपा बसपा को डर है कि अगर दलित कुछ प्रतिशत भी बीजेपी के साथ गए तो गठबंधन के लिए सीधी जीत हासिल करनी मुश्किल होगी। यही वजह है कि गठबंधन जहां एक तरफ अति पिछड़ों में पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी तरफ दलितों को सहेजकर रखने की भी कोशिश की जा रही है।
इसी कवायद के तहत धर्मेंद्र यादव मार्टीनगंज पहुंचे थे। कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की जयंती का था लेकिन यह पूरी तरह चुनावी सभा नजर आयी। पूरा पांडाल सपा-बसपा कार्यकर्ताओं से भरा दिखा तो मंच पर भी सपा और बसपा के लोग ही नजर आये। धर्मेंद्र यादव ने भी मौका देख कार्यक्रम को चुनावी रंग में रंग दिया।
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि सभी पिछड़े, दलित, शोषित एक मंच पर आकर नए समाज की संरचना करने की। हमने संसद में 13 प्वाइंट रोस्टर रखने की मांग की लेकिन सरकार ने मानने से मना कर दिया। यह सरकार सिर्फ झूठे वादे करती है। वहीं बसपा नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने कहा कि पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, जनजाति को शिक्षित होने की जरूरत है। अपना अधिकार पाने के लिए हमें राजनीति और नौकरी में जब तक सर्वोच्च पद नहीं मिलता है सब बेमानी है। सामंतवादी ताकतें हमारा रास्ता हमेशा रोकती रही हैं और रोकती रहेंगी।
सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार झूठ बोलकर सत्ता में आई है। उसने जनता से किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। आगामी लोकसभा चुनाव में हुए सपा और बसपा गठबंधन इस सरकार को उखाड़ फेंकने का कार्य करेगा। कार्यक्रम को विधायक डॉ. संग्राम यादव, पूर्व मंत्री रामाश्रय विश्वकर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश, पूर्व विधायक यादव बेचई सरोज, बृजलाल सोनकर, श्याम बहादुर यादव आदि ने भी संबोधित किया।
By Ran Vijay Singh