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मायावती और अखिलेश का इशारा पाकर अब सपा-बसपा UP में ये कदम उठाने जा रही है

locationआजमगढ़Published: Feb 03, 2019 09:19:46 am

मोदी सरकार के बजट के बाद दोनों पार्टियों ने लिया बड़ा फैसला।

Mayawati

मायावती अखिलेश यादव

आजमगढ़. समाजवादी पार्टी की शनिवार को कलेक्ट्र स्थित सपा कार्यालय पर हुई। इसमें भाजपा सरकार के बजट को झूठ का पुलिंदा और जुमलबाजी बताया गया। सपा जिलाध्यक्ष ने सपा और बसपा कार्यकर्ताओं को एक साथ टीम बनाकर गांवों में जाने तथा सरकार की पोल खोलने की अपील की।
जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि भाजपा जुमले गढ़ने वाली व सपने दिखाने वाली पार्टी है। उसकी कथनी व करनी में जमीन आसमान का फर्क है। पिछले चुनावों में उन्होंने जो वादे किये थे एक भी पूरा नहीं हुआ, बल्कि मॅहगाई, बेरोजगारी बढ़ी है। किसान, मजदूर भूखमरी के कगार पर है। दवा व पढ़ाई आम आदमी के पहुंच से बाहर होती जा रही है। 5 साल में बेरोजगारी 1 प्रतिशत बढ़ गयी है। खाद, पानी, बिजली, कृषि यन्त्रों, खाद्य पदार्थों के दाम चार गुना बढ़े हैं। बजट में इनको कम करने का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी बसपा के पदाधिकारियों से तालमेल कर टीम बनाकर गावों में घर-घर जाकर जनता से भाजपा की किसान, मजदूर, संविधान, आरक्षण व रोजगार विरोधी साजिश को बेनकाब करें। पिछड़े वर्ग में जहॉ पर बैठकें नहीं हो पायी है वहॉ पर बैठक कर पिछड़ों को आगाह करें। कार्यकर्ता गॉव में घर-घर जाकर भाजपा के 2014 में किये गये वादे 15 लाख खाते में डालने, 5 साल में 10 करोड़ नौकरी, किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने, मॅहगाई कम करने के बारे में पूॅछें। क्या अब तक किसी को कुछ मिला। 2019 के चुनाव में भाजपा जैसी फासिवादी, साम्प्रदायिक व जातिवादी सरकार को उखाड़ फेंकना है।
पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव विधायक ने कहा कि यह पहली सरकार है जो परम्पराओं, मर्यादाओं व सम्वैधानिक संस्थाओं को दरकिनार कर नया काम करती है। केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया बजट परम्पराओं के विपरित व साजिश है। सरकार के जाने का समय है तो उस समय अन्तरिम बजट की जगह सलाना बजट पेश किया है। जिसमें संसाधनां का कोई जिक्र नहीं है। यह बजट किसानों को ऊॅट के मुॅह में जीरा के समान है। बेरोजगारों को रोजगार सृजन के बारे में कोई प्रावधान नहीं दिखाई दे रहा है।
विधायक कल्पनाथ पासवान ने कहा कि इनकी सारी योजनाएं केवल ख्याली पुलाव है। इसकी असलियत जमीन पर कुछ नहीं है। असंगठित मजदूरों को पेंशन देने की बात अव्यहारिक है क्योंकि मजदूर कमाकर इतनी मॅहगाई में किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता है। किस तरह प्रत्येक महीनें 100 रूपये जमा कर पायेगा। फिर बाद में मिलेगा या नहीं मिलेगा। आम आदमी को मुफ्त शिक्षा व मुफ्त दवा के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री की जो योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना फ्लाप हुई है। उसी तरह इसका भी हश्र होगा।
बैठक में पूर्व मंत्री वसीम अहमद, पूर्व एमएलसी कमला प्रसाद यादव, अखिलेश यादव, जयराम सिंह पटेल, इसरार अहमद, लालमनि राजभर, दुर्गविजय राम, दामोदर प्रजापति, डा. हरिराम सिंह यादव, हरिश्चन्द्र यादव, वर्मन यादव, रामदरश यादव, अशोक यादव, रामआसरे चैहान, राजनरायन यादव, हंसराज यादव, मिर्जा मसूद बेग, जिला पंचायत सदस्य, शिवमूरत यादव, राजेश यादव, महेन्द्र यादव, तेजबहादुर यादव, शिवसागर यादव, वीरेन्द्र यादव, रामप्रवेश यादव, चन्द्रशेखर यादव, राजाराम सोनकर, बबिता चैहान, प्रेमा यादव, आशा यादव, सना परवीन, शशिकला सिंह, अजीत कुमार राव, सूरज राजभर, पप्पू यादव आदि उपस्थित थी।
By Ran Vijay Singh

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