बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव वर्ष 2019 के चुनाव में आजमगढ़ के सांसद चुने गए थे। सांसद बनने के बाद पहली बार अखिलेश यादव किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आजमगढ़ पहुंचे है। चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव जनता का अभिवादन करने आजमगढ़ आये थे। इसके बाद वे तीन बार जिले में आये लेकिन त्रायोदशाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए।
इसे लेकिन विपक्ष लगातार अखिलेश पर हमलावर था। कांग्रेस और बीजेपी ने तो उनकी गुमशुदगी का पोस्टर तक लगा दिया है। बुधवार को अखिलेश यादव मऊ के हलधरपुर में सुभासपा के स्थापना दिवस में शामिल हुए। इसके बाद सीधे आजमगढ़ आए। यहां पुलिस लाइन में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद अखिलेश यादव सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए। गुरुवार को अखिलेश यादव सेहदा में 130 मेधावी छात्रों में लैपटाप का वितरण करेंगे। इस दौरान वे सपा कार्यालय का भूमि पूजन भी कर सकते हैं।
मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी को यूपी की सत्ता दिलाई थी। उन्हीं की वजह से बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था। अब ओमप्रकाश राजभर ही बीजेपी को सत्ता से बाहर करेंगे। ओमप्रकाश ने भाजपा का दरवाजा बंद कर दिया है उसमें ताला लगाने का काम हम करेंगे।
उन्होंने गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि समाज का दबा कुचला समाज, दलित पिछड़ा सभी एक मंच पर आ गया है। आज जिस तरह का सैलाब दिखा इसका परिणाम ऐतिहासिक होने वाला है। अपने संसदीय क्षेत्र से दूरी के सवाल को अखिलेश यादव टाल गए। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ मेरे लिए नया नहीं है। मेरे लिए आजमगढ़ और इटावा एक है।