दरअसल, यूपी में भाजपा के सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी एक के बाद एक कर तीन क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी गंवा चुकी है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला कोई और नहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव के करीबी पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव हैं। खुलेतौर पर न सही लेकिन प्रमोद को सपा के उस धड़े का भी साथ मिल रहा है जो जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव के ससुर यानी जिलाध्यक्ष हवलदार यादव से नाराज है। वहीं शिवपाल समर्थक भी अंदरखाने से प्रमोद की मदद कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- मोदी के मिशन 2019 को मटियामेट कर सकती है आजमगढ़ में भाजपा की गुटबाजी भाजपा इस ममाले से खुद को अलग थलग दिखाने का प्रयास कर रही है लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा के बाहुबली पूर्व सांसद रमाकांत यादव प्रमोद की खुलकर मदद कर रहे हैं। रमाकांत यादव के 24 समर्थक सदस्य हैं। रहा सवाल बसपा का तो भूपेंद्र सिंह मुन्ना खुलेआम प्रमोद का प्रचार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जिस दिन प्रमोद यादव ने डीएम से मिलकर अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी उसके अगले दिन ही सभी समर्थित सदस्यों को गोवा और नेपाल घूमने के लिए भेज दिया। आज उन सदस्यों की वापसी हो रही है। अब मंगलवार को दोनों पक्ष अपने सदस्यों की परेड कराएंगे। इसके बाद जरूरत पड़ी तो वोटिंग कराकर अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होगा।
यह भी पढ़ें- अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा झटका देंगे बीजेपी के बाहुबली रमाकांत यादव दोनों पक्ष अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हर किसी की नजर इस लड़ाई पर है। कारण कि हवलदार यादव अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग के बाद न केवल हवलदार के कद का फैसला होगा बल्कि मुलायम के गढ़ में अखिलेश यादव की स्थित का भी पता चल जाएगा।
By Ran Vijay Singh