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गठबंधन पर यह बयान देकर निशाने पर आए सपा नेता रामगोपाल, मुलायम सिंह पर भी हो रही टिप्पणी

locationआजमगढ़Published: Jan 06, 2019 02:15:41 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

बीजेपी का हमला, अंतिम चुनाव में हार के डर से भागे मुलायम सिंह यादव

Mulayam Singh Yadav

Mulayam Singh Yadav

आजमगढ़. पूर्व सीएम अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सबसे कद्दावर नेता राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल के एक बयान से पार्टी की किरकिरी शुरू हो गयी है। बयान प्रोफसर रामगोपाल ने दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर हमले आजमगढ़ सांसद मुलायम सिंह यादव पर हो रहे है। भाजपाई उन्हें ठग और संभवतः आखिरी चुनाव में आजमगढ़ छोड़कर भागने वाला नेता बता रहे हैं। पूर्व में भी भाजपाई मुलामय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुके है सपा की सरकार रहते हुए जिले में मुलायम के लापता होने का पोस्टर लगाया गया था। उस समय भाजपाई उन्हें दिन में लालटेन लेकर ढूंढ़ने निकले थे। अब चुनाव को नजदीक देख मुलायम के आजमगढ़ न आने को मुद्दा बनाया जा रहा है।

बता दें कि इटावा में जिला कार्यसमिति की बैठक के दौरान प्रोफेसर राम गोपाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी जनवरी के अंत तक पार्टी प्रत्याशियों के नाम का एलान कर देगी और पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसी बयान के बाद से ही बखेड़ा खड़ा हो गया है। वैसे पूर्व में मुलायम सिंह और अखिलेश भी उनके आजमगढ़ से चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके है लेकिन उस समय किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन सपा बसपा गठबंधन की चर्चाओं के बीच जब प्रोफेसर ने यह बयान दिया तो राजनीतिक हल्के में चर्चा का विषय बन गया।
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर सपा और भाजपाइयों के बीच जंग शुरू हो गयी है। बीजेपी के पूर्व जिला महामंत्री ब्रजेश यादव ने प्रोफेसर के बयान को पोस्ट करते हुए लिखा है कि आजमगढ़ को ठग कर खिसक लिए नेताजी!
आगे लिखा है कि ‘‘ 2014 में मुलायम सिंह आजमगढ़ से चुनाव लड़ रहे थे तब बड़े- बड़े दावे किए गए थे, कहां गया कि नेताजी के चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ में विकास की गंगा बहने लगेगी लेकिन चुनाव जीतने के बाद जब नेताजी 6 महीने तक आजमगढ़ नहीं आए तो आजमगढ़ की जनता को उन्हें लालटेन लेकर ढूंढना पड़ा। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने, आजमगढ़ की जनता को धमकाने, बोगस वोटिंग कराने और 200 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद किसी तरह नेताजी आजमगढ़ की सीट जीत पाए थे लेकिन चुनाव जीतने के बाद नेताजी दोबारा लौटकर आजमगढ़ नहीं आए। आजमगढ़ का सांसद होने के बावजूद उन्होंने आजमगढ़ की जनता के हित में संसद में एक शब्द नहीं बोला, विकास का कोई कार्य नहीं कराया। उनके अंदर इतना नैतिक साहस नहीं बचा था कि वह आजमगढ़ की जनता के सामने झोली फैलाकर वोटों की भीख मांगते। इसलिए नेताजी का पलायन करना तो तय था। मैं मैनपुरी की सम्मानित जनता से अपील करता हूं कि माननीय मुलायम सिंह जी के राजनीतिक जीवन के संभवतः आखिरी चुनाव में उन्हें पराजित कर आजमगढ़ की जनता का हिसाब चुकता करें।
Ramgopal Yadav
IMAGE CREDIT: NET
ब्रजेश यादव के इस पोस्ट के बाद फेसबुक पर मुलायम सिंह यादव चर्चा का विषय बने हुए है। सपाई जहां उनके पक्ष में मोर्चा संभाले है तो भाजपाई खुलकर मुलायम का मजाक उड़ा रहे है। यूं भी कहा जा सकता है कि आजमगढ़ जैसा जिला जिसे मुलायम सिंह यादव अपनी धड़कन कहते है वहां से उनके पलायन के बाद भाजपा को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। वह किसी भी हालत में इसे भुनाना चाहती है। सपाई कहीं न कहीं इस मुद्दे पर बैकफुट पर दिख रहे हैं। कारण कि जिले के लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव बड़ी मुश्किल से जीते थे। वे बीजेपी के रमाकांत यादव को बामुश्किल 70 हजार के करीब मतों से पराजित कर पाये थे जबकि यह चुनाव उन्हें जिताने के लिए पूरी सरकार और उनका कुनबा मैदान में उतर गया था। आम आदमी भी कहीं न कही मुलायम के आजमगढ़ से चुनाव न लड़ने का कारण हार का डर मान रहा है।
BY- Ranvijay Singh

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