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UP Assembly Election 2022: यहां बाहुबली का रहा है एकछत्र राज, बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा ढ़हाना किला

locationआजमगढ़Published: Jan 23, 2022 01:00:45 pm

Submitted by:

Ranvijay Singh

UP Assembly Election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर सपा का गढ़ बन चुकी आजमगढ़ सीट पर है। पार्टी को ऐसे उम्मीदवार की तलाश है जो सपा के इस मजबूत किले को ढ़हा सकेे। इसके लिए पार्टी पूरा दम लगा रही है। कारण कि पिछले चुनाव में पहली बार बीजेपी यहां दूसरे स्थान पर पहुंचने में सफल रही थी लेकिन बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रही है। कारण कि यहां बाहुबली दुर्गा प्रसाद यादव को अजेय माना जाता है।

प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. UP Assembly Election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पिछले तीन चुनावों में पूर्वांचल में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली बीजेपी के लिए आज भी आजमगढ़ जिला अबुझ पहेली बना हुआ है। योगी और मोदी लहर में भी पार्टी कोई करिश्मा नहीं कर पाई थी। पार्टी तमाम जद्दोजहद के बाद जिले में मात्र एक सीट जीत पाई थी। यह अलग बात है कि पार्टी चार सीटों पर पहली बार दूसरे नंबर पर पहुंची थी। इस चुनाव में बीजेपी की नजर जिले में बेहतर करने पर है और उसका टार्गेट है आजमगढ़ सीट। जिसपर सपा के दुर्गा प्रसाद यादव लगातार आठवीं बार विधायक हैं। यह दुर्गा का अभेद किला मानी जाती है। ऐसे में बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रही है।

गौर करें तो आजमगढ़ सदर विधानसभा का गठन वर्ष 1952 में हुआ था। शुरू के दौर में यहां कांग्रेस का वर्चश्व हुआ करता था। वर्ष 1985 में यहां पहली बार दुर्गा प्रसाद यादव जेल से चुनाव लड़े और जीत गए। इसके बाद उन्हें सिर्फ वर्ष 1993 में हार मिली है जब उन्हें बसपा के राजबली यादव ने पराजित किया था। इसके बाद दुर्गा प्रसाद कोई चुनाव नहीं हैं। दुर्गा राजनीतिक सफर की बात करें तो दुर्गा को वर्ष 1985 में आईएनडी ने मैदान में उतारा था। जेल में रहते हुए भी दुर्गा चुनाव जीत गए। वर्ष 1993 में सपा का गठन होने के बाद वे मुलायम के साथ चले गए और सपा के टिकट पर जीत हासिल की। इसके बाद दुर्गा 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में इस सीट से विधायक चुने गए।

एक बार फिर समाजवादी पार्टी दुर्गा प्रसाद को ही मैदान में उतार रही है। वर्ष 2017 के चुनाव में दुर्गा के भतीजे प्रमोद यादव बसपा में शामिल हो गए थे और खुलकर बसपा के प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह मुन्ना का साथ दिया था लेकिन मुन्ना सिंह तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे। जबकि दुर्गा ने बीजेपी के अखिलेश मिश्र को करीब 23 हजार वोटों से हराया था। पहली बार बीजेपी यहां रनर रही थी। वर्ष 2022 के चुनाव में बीजेपी से अखिलेश मिश्र की दावेदारी काफी मजबूत है लेकिन इसी सीट से पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की पत्नी सगड़ी विधायक वंदना सिंह भी टिकट मांग रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मैदान में उतरता कौन है।

सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे डा. राम दुलार राजभर का कहना है कि वर्ष 2017 में जब अदर बैकवर्ड बीजेपी के साथ लामबंद था तब भी विपक्ष हमारे करीब नहीं पहुंचा था लेकिन इस चुनाव में समाज का प्रत्येक तबका सपा के साथ खड़ा है। ऐसे में हम पिछले वर्ष की अपेक्षा बड़ी जीत हासिल करेंगे। वहीं बीजेपी जिला महामंत्री ब्रजेश यादव का कहना है कि आजमगढ़ भले ही सपा का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार यहां बदलाव की बयार चल रही है। विकास से कोसों दूर रहे आजमगढ़ में अब डिवेलपमेंट नजर आता है। आप जिस एक्सप्रेसवे को पकड़कर लखनऊ से आजमगढ़ महज तीन घंटे में आए हैं, पहले ऐसा नहीं था। कुछ साल पहले तो लखनऊ से आजमगढ़ आने में सात-आठ घंटे लग जाते थे। इसके अलावा हमारी सरकार ने विश्वविद्यालय, एअरपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। जनता हमारे साथ है।

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