आजमगढ़

बरसात के बाद फसलों में रोग का प्रकोप, नहीं मिल रही दवाएं

-पत्तियों में पीलापन से पैदावार होगी प्रभावित
-सरकारी गोदामों पर दो साल से नहीं आया कीटनाशक व अन्य दवाएं

आजमगढ़Sep 20, 2021 / 04:45 pm

Ranvijay Singh

खेत में दवा का छिड़काव करते किसान

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. अभी बरसात के कहर से जूझ रहे किसानों पर नई आफत आ गयी है। जल जमाव के कारण धान व सब्जी की फसलों रोग लग रहा है। खासतौर पर धान की फसल में फंगस व तना भेदक कीट लगने से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। किसी भी सरकारी गोदाम पर दवा उपलब्ध नहीं है। वहीं विशेषज्ञों ने कहना है कि इससे बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। समय से कीटनाशक दवाओं के छिड़काव करें समस्या का समाधान हो जाएगा। पर सवाल कि किसान दवा लाए कहां से।

बता दें कि इस बार धान की फसल अच्छी थी। समय से बरसात न होने के कारण पिछले दिनों धान में खैरा रोग देखने को मिला। अभी किसान उससे निपट नहीं पाया था कि पिछले दिनों हुई तेज बरसात से खेतों भारी जल जमाव हो गया है। जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण धान की फसल डूबी हुई है। इससे जहां फसल गल रही है। वहीं फंगस, तना भेदक कटी लग रहे है।

इन रोगों से बचाव के लिए कीटनाशक व अन्य दवाओं के छिड़काव की जरूरत है लेकिन जिले के किसी भी सरकारी गोदम पर कीटनाशक व अन्य दवाएं उपलब्ध नहीं है। प्राइवेट दुकानदार महंगी कीमत वसूल किसानों का शोषण कर रहे हैं। हालत यह है कि किसान दर दर भटक रहा है। जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि सरकार द्वारा कीटनाशक उपलब्ध नहीं करायी गयी है। उर्वरक आदि किसानों को उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही निजी दुकानों पर निर्धारित मूल्य पर खाद और दवा बेचने का निर्देश दिया गया है।

क्षेत्र के किसान अंगद यादव, राम चंदर, सियाराम मौर्य, रविद्र कुमार, पंकज मोर्य का कहना है कि तना भेदक कीट और फंगस के प्रकोप से धान की फसल को नुकसान पहुंच रहा है लेकिन सरकारी गोदामों पर दवा उपलब्घ नहीं है। निजी दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे है। वहीं फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. आरपी सिंह का कहना है कि जिन किसानों की फसलों में यह रोग लगा है उन्हें मेंकोजेब के साथ ही क्लोरोपरिफस या मोनोक्रोटोफास में यूरिया मिलाकर स्प्रे कराना चाहिए।

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