एवीएसए ने बताया कि अभियान का शुभारम्भ 2 अप्रैल को किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूल चलो अभियान के दिन जो विद्यालय नही खुले रहें, उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये तथा संबंधित प्राचार्य/अध्यापकों से स्पष्टिकरण प्राप्त किया जाये। शिक्षा के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा स्कूलों मे बैनर पोस्टर लगाये जायें। उन्होने अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन करने, शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाये रखने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने गांव को कुपोषण मुक्त करने के संबन्ध मे गोद लिए समस्त नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे निरन्तर अपने निर्धारित गांवो का भ्रमण करते रहें तथा कुपोषित बच्चों को पोषण की श्रेणी मे लाने हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायें ताकि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहने पाये। इस अवसर पर सूचना विभाग द्वारा एलईडी वैन के माध्यम से शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं, निर्णयों, उपलब्धियों तथा सड़क सुरक्षा के संबन्ध मे प्रचार-प्रसार कराया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अजय साहनी, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, उप जिलाधिकारी बागीश कुमार शुक्ल, सीएमओ डॉ. एसके तिवारी, परियोजना निदेशक डीडी शुक्ल, सूचना अधिकारी अंजनी कुमार मिश्र, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीके सिंह, उप कृषि निदेशक आरके मौर्य, समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह आदि उपस्थित रहे।
डा. ज्योत्सनेन्द्र बने उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के निदेशक
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद के चण्डेश्वर के रहने वाले कृषि वैज्ञानिक डा. ज्योत्स्नेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद का निदेशक नियुक्त किया गया है। डा. सिंह वर्तमान में गन्ना प्रजनक एवं प्रधान वैज्ञानिक के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में कार्यरत हैं।
डा. सिंह ने प्राथमिक शिक्षा चण्डेश्वर, कृषि स्नातक श्री दुर्गा जी स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, चण्डेश्वर तथा परास्नातक एवं पीएचडी नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय फैजाबाद से उर्त्तीण किया था। वर्ष 1989 में वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-कृषि वैज्ञानिक चयन मण्डल द्वारा कृषि वैज्ञानिक के रूप में चयनित हुए। कृषि वैज्ञानिक के रूप में डा. सिंह ने गन्ने के शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत सराहनीय कार्य किए।
उनके द्वारा गन्ने की 10 से अधिक प्रजातियों का विकास, 40 शोध पत्र प्रकाशित एवं 90 से अधिक सेमिनार/कान्फरेन्स में भाग लिया। इसके साथ ही सार्वजनिक हितों में विभिन्न समितियों के अध्यक्ष व सदस्य के रूप में भी कार्य किया। उनके चयन पर नरेन्द्र बहादुर सिंह, डा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह, डा. शैलेन्द्र कुमार सिंह, डा. आरपीएन सिंह, राना पीयुष सिंह, डा. श्रीनिवास सिंह, डा. रुद्र प्रताप सिंह आदि बधाई दी।
by Ran Vijay Singh
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