आजमगढ़

जेल में फिर हो सकता है बड़ा बवाल, उत्पीड़न से नाराज बंदी शुरू किये अनशन

सोमवार से चल रहा है अनशन लेकिन अधिकारी नहीं निकाल पाए हल।

आजमगढ़Apr 16, 2019 / 03:40 pm

रफतउद्दीन फरीद

आजमगढ़ जेल

आजमगढ़. अभी हाल में जिला कारागार में हुए बवाल की आग पूरी तरह ठंड़ी भी नहीं पड़ी थी कि फिर यहां नया विवाद शुरू हो गया है। जेल में निरुद्ध बंदी जेल प्रशासन पर राशन की चोरी का आरोप लगाते हुए सोमवार कसे ही आमरण अनशन पर बैठे है। मंगलवार को लगा कि हालात सुधर जाएंगे लेकिन अधिकारी द्वारा बंदियों के साथ दुर्व्यवहार के बाद मामला फिर बिगड़ गया। बंदी बिना व्यवस्था में सुधार हुए अनशन तोड़ने को तैयार नहीं है। वहीं अधिकारियों का दावा है कि जेल मैनुअल के अनुसार बंदियों को भोजन मिल रहा है। सख्ती के चलते बंदी जेल प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
 

बता देंकि जिला कारागार के बैरक नंबर पांच में बिस्तर बिछाने की बात को लेकर 16 मार्च को दो बंदी गुटों के बीच मारपीट हुई थी। घटना की जांच के लिए पहुंचे एडीएम प्रशासन व एसपी सिटी ने जब जेल के बैरकों की तलाशी ली तो 36 मोबाइल के साथ ही अन्य प्रतिबंधित सामने बरामद हुए। इस छापेमारी के खिलाफ जेल में बंदियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ व प्रदर्शन किया था। जेल में हुए उपद्रव की घटना को शासन ने गंभीरता से लिया था। तत्कालीन जेल अधीक्षक अनिल गौतम, जेलर हरीश कुमार मुख्य कारापाल के साथ ही पांच बंदीरक्षकों को निलंबित कर दिया गया। यहीं नहीं इस मामले की जांच जिला प्रशासन के साथ ही कारागार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने की। इस घटना के बाद से ही जेल की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई। सुरक्षा के लिए जेल के मुख्य गेट पर पुलिस की 24 घंटे ड्यूटी लगा दी गई है। मुलाकाती के साथ ही बंदीरक्षक भी जेल के मुख्य गेट पर गहन तलाशी के बाद ही जेल के अंदर प्रवेश कर पा रहे हैं।
 

इधर जेल में हुए उपद्रव की घटना को एक माह भी नहीं पूरा हो पाया कि फिर से जेल में निरुद्ध बंदी जेल प्रशासन के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिए। जेल के बैरक नंबर एक में निरुद्ध बंदी सोनू सिंह व बलवंत सिंह के नेतृत्व में बंदियों ने सोमवार को जेल के अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। बंदियों का आरोप है कि जेल मैनुअल के अनुसार बंदियों को न तो भोजन मिल रहा है और न ही अन्य सुविधाएं मिल रही है। बैरिग आदि के नाम पर मनमाना वसूली की जा रही है। विरोध प्रदर्शन कर रहे बंदियों ने पहले भोजन का बहिष्कार किया जो शाम होते तक भूख हड़ताल में बदल गई। अब उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। बंदियों के विरोध करने की बात जब जेल के अधिकारियों को हुई तो वे तत्काल बैरकों में पहुंच कर उनसे बातचीत की। जेल अधिकारियों से के समझाने के बाद भी वे नहीं माने।
 

जेल अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र का कहना है कि जेल में इधर सख्ती कर दी गई है, जिसके चलते बाहर से अवैध सामान आना बंद हो गया है। बंदियों की मनमानी नहीं चल पा रही है तो कुछ बंदी अपना दबाव बनाने के लिए विरोध करना चाह रहे हैं। बैरक नंबर एक में ढाई सौ बंदी निरुद्ध हैं, दो बंदियों को छोड़ सभी ने भोजन कर लिया। अगर बंदी जेल में भूख हड़ताल करेंगे तो उनके खिलाफ अनुशासनहीनता करने पर कार्रवाई की जाएगी। जेल मैनुअल के अनुसार भोजन से लेकर सभी सुविधाएं मिल रही हैं।
By Ran Vijay Singh

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