अपने सम्बोधन में प्रधानाचार्य इफ्तेखार अहमद ने कहा कि खेल में जीत या हार नहीं वरन खेल-भावना सर्वोपरि है, मानसिक विकास के लिए शरीर का स्वस्थ होना एक आवश्यक शर्त है, खेल की विभिन्न विधाओं में उसके विजेता कहीं भी रातों-रात तैयार नहीं हो जाते हैं। महज चन्द मिनटों के प्रर्दशन के लिए खिलाड़ी कड़ी मेहनत करते हुए सालों-साल कुर्बान करते हैं तब जाकर ओलम्पिक अथवा किसी भी खेल प्रतियोगिता में गोल्ड, ब्रान्ज या सिल्वर पदक हासिल कर पाते है।
हारने वाले और जीतने वाले खिलाड़ियो की क्षमता की तुलना करें तो उनमें बहुत बड़ा अन्तर नही होता, सिर्फ थोड़े प्रयासो का अन्तर ही उन्हे गोल्ड, ब्रान्ज, सिल्वर, अथवा लूजर बनाता है। उन्होने कहा राजकीय पालिटेक्निक आजमगढ़ अपने स्थापना काल से ही श्रेष्ठ डिप्लोमाधारी/जूनियर इंजिनियर्स तैयार करने के लिए जाना जाता रहा है। सन् 1963 के पश्चात देश के कोने-कोने में विभिन्न विभागों के अर्न्तगत सेवारत इस संस्थान से निकले जूनियर इंजीनियर्स अपने हुनर और प्रतिभा से देश का मान बढ़ा रहे है।
वार्षिक खेल-कूद चैम्पियन सर्वाधिक अंक पाकर बालिका वर्ग मे अंकिता मिश्रा, यांत्रिक अभियंत्रण अन्तिम वर्ष रही जबकि बालक वर्ग में खेल-कूद चैम्पियन धरमेन्द्र यादव, इलेक्ट्रानिक्स अभियंत्रण द्वितीय वर्ष रहे, दिव्यांग वर्ग में राम सिंह चौहान चैम्पियन रहे। वार्षिक प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभाग कर रही चार टीमों में सार्वाधिक मेडल बटोर कर रामानुजम हाऊस प्रथम स्थान पर रहा, दूसरा स्थान विश्वेसरैया हाऊस को मिला, तीसरा स्थान रमन हाऊस को मिला जबकि सबसे कम मेडल पाकर भाभा हाऊस चौथे स्थान पर रहा।
इसी तरह खेल-कूद के दौरान 100 मीटर बालक दौड़ प्रतियोगिता में सबसे कम समय लेकर मनीष पाल, यात्रिक अभियंत्रण, तृतीय वर्ष ने पहला स्थान, अनुराग राय, यात्रिक प्रथम वर्ष ने दूसरा, गौतम यादव सिविल अन्तिम वर्ष ने तीसरा स्थान हासिल किया। बालिका वर्ग की 100मीटर रेस मे सबसे कम समय लेकर फर्राटा भरते हुए अंकित मिश्रा, मैकेनिकल अन्तिम वर्ष प्रथम स्थान पर रही, श्रृति कुमारी, मैकेनिकल द्वितीय वर्ष ने दूसरा, एवं पूजा यादव, मैकेनिकल द्वितीय वर्ष ने तीसरा स्थान हासिल किया।
इस अवसर पर सुभाष शुक्ला, धीरेन्द्र सिंह, श्रुति सिंह, कु. खुशबू गुप्ता, प्रेमानन्द्र पटेल, संतोष कुमार, अरविन्द यादव, अयोध्या मौर्या, नित्यानन्द यादव, राजनरायण प्रसाद, रमेश प्रजापति, सैमुल्लाह अंसारी, श्याम लाल, गुलाब सिंह, कान्ता प्रसाद, ओम प्रकाश सिंह, गुलाम यजदानी, रामकृपाल पाठक, रामनगीना सिंह, कुलभूषण सिंह, अंशुमान, पारसनाथ, सियाराम, प्रेमचन्द्र, संजय यादव, सुरेन्द्र, रामकरन, राजू मौर्य, वेदप्रकाश अस्थाना, राधेश्याम, रामसुरेश आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवाशीष श्रीवास्तव ने किया।
by Ran Vijay Singh
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