मुकदमे के अनुसार अभियुक्त लालचन्द चौरसिया द्वारा पत्नी तथा बच्चों को प्रॉपर्टी से बेदखल करने के उद्देश्य से खेत का बैनामा छोटेलाल व हीरालाल को कर दिया था। इससे नाराज पत्नी पत्नी चिन्ता देवी ने न्यायालय में मुकदमा कर दिया था। पति-पत्नी के मध्य मुकदमेंबाजी को लेकर हीरालाल, रामजनम के साथ मिलकर लालचन्द चैरसिया ने 21 अगस्त 2011 को सोते समय अपनी पत्नी चिन्ता देवी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला पंजीकृत कराया गया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं.-3 ने बुधवार को लालचन्द चौरसिया, हीरालाल व रामजनम को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
BY- RANVIJAY SINGH