हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास
साक्ष्य के अभाव में चार आरोपी दोषमुक्त, चार साल पहले रौनापार में हुई थी हत्या

आजमगढ़. अदालत ने रौनापार थाना क्षेत्र में चार वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को दोषी पाए गए तीन आरोपियों को आजीवन कारावास तथा 12-12 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि साक्ष्य के अभाव में चार आरोपी शिवशंकर, हरिशंकर, लोकनाथ व शंकर को दोषमुक्त किया गया।
रौनापार थाना क्षेत्र के बघावर ग्राम निवासी झब्बर पुत्र जयश्री ने स्थानीय थाने में पुत्र झिनक की हत्या का आरोप लगाते हुए गांव के ही मेवालाल, उसकी पत्नी सुरसती, भाई लालबहादुर तथा शिवशंकर, लोकनाथ, हरिशंकर व शंकर पुत्रगण रामशब्द के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना विगत पांच मार्च 2000 की शाम हुई बताई गई। पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
इस बाबत वादी मुकदमा झब्बर, गुल्लू, डा. आरएस सिंह तथा विवेचक टीपी श्रीवास्तव व तहसीलदार सिंह बतौर गवाह न्यायालय में प्रस्तुत हुए। मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-2 संध्या चौधरी ने तीन आरोपी मेवालाल, सुरसती व लालबहादुर को आजीवन कारावास व बारह-बारह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में चार आरोपी शिवशंकर, हरीशंकर, लोकनाथ व शंकर को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।
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