बता दें कि दिल्ली के कनॉट प्लेस व करोलबाग इलाके में 13 सितंबर 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हुई और 19 सितंबर को दिल्ली के जामियानगर स्थित बटला हाउस एनकाउंर को अंजाम दिया। पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में आजमगढ़ के रहने वाले आतिफ व साजिद नामक दो युवक पुलिस की गोली के शिकार हुए। मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद जोशी की गोली लगने से मौत हो गई थी।
मुठभेड़ के दौरान बटला हाउस में छिपे कुछ आतंकी मौके से भागने में सफल रहे। इसमें नौ आतंकी आजमगढ़ से ताल्लुक रखते थे जिसमें तीन को खुफिया एजेंसिया गिरफ्तार कर चुकी है जबकि आधा दर्जन आतंकी अब भी फरार है। सभी आतंकियों पर ईनाम घोषित है। खुफिया एजेंसियां लगातार इनकी तलाश कर रही है। फरार आतंकियों की चार्जशीट खोली जा चुकी है।
इस घटना में मारे गए और वांछित आतंकियों को निर्दोष बताते हुए मौलाना आमिर रशादी ने 2008 में संघर्ष शुरू किया। इसी दौरान उन्होंने उलेमा कौंसिल का गठन किया। तब से यह संगठन आतंकियों के न्याय की लड़ाई लड़ रहा है। इस मुद्दे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सपा के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव, सहित तमाम लोगों ने सियासत की लेकिन उलेमा कौंसिल आज भी एनकाउंटर को फर्जी बताकर संघर्ष कर ही है।
हर साल बटला एनकाउंटर की बरसी पर उलेमा कौंसिल के लोग दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन करते हैं। इस बार भी उलेमा कौंसिल के कार्यकर्ता और नेता 19 सितंबर को होने वाले आंदोलन और सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के घेराव के लिए दिल्ली रवाना हो गये है।
उलेमा कौंसिल के युवा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष नूरूल होदा ने कहा कि बटला एनकाउंर की दसवीं बरसी पर 19 सितंबर को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास का घेराव कर न्यायिक जांच की मांग करेंगे। जबतक मुख्यमंत्री का ठोस आश्वासन नहीं मिलता संगठन का आंदोलन जारी रहेगा। हम केजरीवाल के घर पर ही डटे रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में बटला एनकाउंटर हुआ था। उसी समय से हम सरकार से मांग कर रहे है कि एनकाउंटर की न्यायिक जांच करायी जाय। पूर्व पूीएम मनमोहन सिंह से लेकर मोदी और राजनाथ सिंह तक से हम गुहार लगा चुके है। आखिर सरकार केा जांच से परहेज क्यों है।
पार्टी के फैसल, आजम, शहबाज रशादी, दिलशार रशादी, ओसामा, फुजैल खान, अरिफ रहमानी, जनैद अंसारी आदि ने कहा कि अगर एनकाउंटर फर्जी नहीं है तो सरकार को न्यायिक जांच में परहेज क्यों है। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक न्यायिक जांच नहीं हो जाती।
BY- RANVIJAY SINGH