बता दें कि जिले में 732 माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इसमें 120 विद्यालय वित्तपोषित हैं। इसके अलावा 612 विद्यालय वित्तविहीन हैं। विभाग की मानें तो वर्ष 2012-13 में इन लोगों ने अपने प्रबंध समिति का चुनाव कराया था। उसके बाद से किसी भी वित्तविहीन विद्यालय ने प्रबंध समिति का चुनाव कराया ही नहीं। यह विद्यालय चिट फंड सोसाइटी में अपनी सोसाइटी का केवल नवीनीकरण करा लेते हैं।
विभाग के वरिष्ठ बाबू अवधेश की मानें तो सोसाइटी का नवीनीकरण कराना ही चुनाव नहीं है जब तक कि प्रबंध समिति का रजिस्ट्रेशन नहीं हो जाता। विभाग के पर्यवेक्षक व चुनाव अधिकारी जब तक चुनाव नहीं कराते हैं, जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। ऐसे में वित्तविहीन विद्यालय गफलत में है। वह शीघ्र अपने-अपने विद्यालयों के प्रबंध समिति का चुनाव करा लें नहीं तो बोर्ड परीक्षा में शामिल भी नहीं हो सकते हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. वीके शर्मा का कहना है कि सभी वित्तविहीन विद्यालयों को बैठक आयोजित कर जानकारी दी जा चुकी है। यह भी निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल अपने-अपने विद्यालय के प्रबंध समिति का चुनाव कराकर उनके कार्यालय में सूची जारी कर दें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी हो सकती है। विद्यालयों के मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई जल्द ही शुरू की जाएगी।
BY- RANVIJAY SINGH