बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पिछले दिनों पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी को लखनऊ बुलाकर मुलाकात की थी। शमा का दावा है कि वे राजनीति से दूर थी लेकिन खुद अखिलेश ने उनसे पूछा था कि क्या चुनाव लड़ेंगी। हामी भरने पर अखिलेश ने आश्वासन भी दिया था। इसके बाद से ही शमा वसीम क्षेत्र में सक्रिय थी और चुनाव की तैयारी कर रही थी। चुंकि वसीम अहमद गोपालपुर से तीन बार विधायक चुने गए थे इसलिए सभी को उम्मीद थी कि उन्हें टिकट जरूर मिलेगा। कारण कि पिछले दिनों वसीम का निधन होने के बाद उनके परिवार के साथ लोगों की सहानुभूति जुड़ी थी।
गुरूवार को अखिलेश यादव द्वारा गोपालपुर सीट से विधायक नफीस अहमद को प्रत्याशी बना दिया गया। वर्ष 2017 में वसीम अहमद का टिकट काटकर अखिलेश ने नफीस को प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी। नफीस को टिकट मिलने के बाद शमा वसीम का दर्द छलक गया। वह मीडिया के सामने फूट फूटकर रोती नजर आयी। उन्होंने अखिलेश यादव पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और सवाल किया कि अगर टिकट नहीं देना था तो उन्हें आगे क्यों किया। उन्होंने अपने पति के साथ भी धोखे का आरोप लगाया और कहा कि अखिलेश सपा को कहां ले जाना चाहते हैं समझ से परे है। साथ ही दावा किया कि वे गोपालपुर के लोगों से बात कर आगे का निर्णय लेंगी।