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UP Assembly Election 2022: क्षत्रिय के साथ महिलाओं को साधने के लिए सपा का मास्टर स्टोक, महिला नेत्री को सौंपी दोहरी जिम्मेदारी

locationआजमगढ़Published: Nov 16, 2021 02:53:05 pm

Submitted by:

Ranvijay Singh

राजभर मतों पर कड़ी दावेदारी कर रहे अखिलेश यादव की नजर अब क्षत्रियों के साथ ही आधी आबादी पर है। खासतौर पर पूर्वांचल की महिलाओं पर जो पिछले चुनाव में बड़ी तादात में बीजेपी के साथ खड़ी हुई थी। यही वजह कि सपा मुखिया में आजमगढ़ की रहने वाली सुनीता सिंह को राष्ट्रीय सचिव बनाने के साथ ही दोहरी जिम्मेदारी सौंपी है। कारण कि सुनीता का प्रभाव पूर्वांचल के कई जिलों में माना जाता है।

सुनीता सिंह

सुनीता सिंह

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देर हो लेकिन राजनीतिक दलों ने मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सपा ने सुभासपा से गठबध्ंान कर बड़ा दाव खेला तो बीजेपी ने विश्वविद्यालय का नाम सुहेलदेव के नाम पर रख तोड़ निकालने की कोशिश की अब सपा मुखिया ने आधी आबादी को पक्ष में करने तथा क्षत्रियों का वोट हासिल करने के लिए पार्टी की कद्दावर नेता सुनीता को को दोहरी जिम्मेदारी सौंप दी है। सुनीता को महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव बनाने के साथ ही अब चुनाव के लिए आजमगढ़ मंडल का प्रभारी भी बना दिया है।

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में सभी दलों की नजर पूर्वांचल की 123 सीटों पर हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक बीजेपी का प्रदर्शन पूर्वांचल में काफी अच्छा रहा है। सवर्ण के साथ अतिपिछड़ों की लामबंदी का परिणाम था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासलि किया था। उस चुनाव में सुभासपा बीजेपी के साथ थी। अब 2022 के चुनाव में सुभासपा सपा के साथ खड़ी है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन कर न केवल राजभरों के नेता ओमप्रकाश राजभर को साथ लाने में सफल रहे बल्कि कई अन्य पिछड़ी जातियों के संगठन और छोटे दलों को भी साध लिया। इससे निश्चित तौर पर बीजेपी की मुश्किल बढ़ी है। कारण कि अब बीजेपी अति पिछड़ों पर एकछत्र राज का दावा नहीं कर सकती है। वैसे बीजेपी ने अखिलेश यादव के दाव के काट के तौर पर 13 नवंबर को आजमगढ़ विश्वविद्यालय का नाम सुहेलदेव विश्वविद्यालय रखकर बड़ा दाव चल दिया है। इससे कम से कम मतदाताओं में असमंजस की स्थिति उत्पन्न करने में बीजेपी सफल रही है।

कारण कि बीजेपी ने पिछले दिनों सुहेलदेव स्मारक का भी लोकापर्ण किया था। ऐसे में अब राजभर मतदाता यह सोचने के लिए मजबूर हुए है कि उनका हित वास्तव में किसके दाव है। अब सपा की नजर महिलाओं और क्षत्रिय मतों पर है। यही वजह है कि पार्टी ने महिलाओं को साधने के लिए एक सप्ताह पूर्व आजमगढ़ की रहने वाली सुनीता सिंह को महिला सभा का राष्ट्रीय सचिव बनाया और दो दिन पूर्व लगे हाथ आजमगढ़ मंडल का प्रभारी भी बना दिया। सुनीता सिंह महिला सभा की जिलाध्यक्ष भी रह चुकी है। उनकी पैठ आजमगढ़ के साथ ही गाजीपुर व मऊ जनपद के भी मतदाताओं में मानी जाती है। एसे में एक बार फिर बीजेपी की मुश्किल बढ़ी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का अगला दाव क्या होगा।

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