शासन से प्राप्त हुई किट से जिनके अंदर संक्रमण का अंदेशा होगा उनकी जांच की जाएगी। सीएचसी व पीएचसी स्तर पर जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण लेने के बाद सीएचसी व पीएचसी के स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों के अलावा हॉटस्पॉट व कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर इस किट से लोगों की जांच करेंगे।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिले में शुरुआती दौर में जहां सिर्फ एक सिस्टम से ही कोरोना की जांच होती थी, अब तीन सिस्टम से संक्रमण की जांच शुरू कर दी गई है। पहले आरटी-पीसीआर सिस्टम से कोरोना संक्रमण की जांच होती थी। फिर ट्रू-नॉट मशीन से जिला मंडलीय अस्पताल में जांच की शुरूआत हुई। अब एंटीजन किट से जांच की सहूलियत मिल गयी है। एंटीजन किट से जांच करने के लिए भी संदिग्ध के गले व नाक की लार ली जाएगी। सैंपल को किट पर डाला जाएगा। इसके करीब तीस मिनट के अंदर किट रिपोर्ट दे देगी। पॉजिटिव आने पर मरीज को भर्ती कराया जाएगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसका आरटी-पीसीआर लैब में दोबारा परीक्षण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट तीन से चार दिन में उपलब्ध हो जाएगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके मिश्र ने बताया कि इस किट से कम समय में अधिक लोगों की जांच की जा सकेगी। एंटीजन टेस्ट से यह पता चलता है कि व्यक्ति वायरस से संक्रमित है या नहीं। इस टेस्ट का यह फायदा है कि इसमें तुरंत परिणाम मिल जाते हैं। इस किट से सैंपल लेने के बाद तुरंत ही टेस्ट किया जाता है। इसके लिए संबंधित एरिया में जाकर टेस्ट करना होता है। एंटीजन टेस्ट किट को न्यूनतम दो डिग्री और अधिकतम 30 डिग्री तापमान में रखना होता है।