जिलाध्यक्ष सीमा यादव ने कहा कि हम कार्यकर्त्रियों के बारे में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपना रूख साफ नहीं कर रहे हैं लेकिन प्रदेश इकाई ने अपने संघर्ष के बूते सरकार पर लगातार दबाव बनाये हुए है। सीएम से प्रदेश इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल बीते सात अक्टूबर को मिला था। प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि आपकी वार्ता एपीसी से करवायी जायेगी तब निर्णय होगा लेकिन इस बात पर प्रदेश कमेटी ने उनके ढुलमुल रवैये को देखते हुए अपने 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी आंदोलन के बारे में विस्तार से बताया तो सरकार को हमारी ताकत का एहसास हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रदेशव्यापी धरने की ताकत का अंदाजा लगाकर शासन की नींद उड़ गयी थी और आठ अक्टूबर की रात हमारे प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों के पास सीएम कार्यालय से फोन आया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 अक्टूबर को एसोसिएशन से वार्ता करने को तैयार है लेकिन प्रदेशव्यापी प्रदर्शन को स्थगित करना होगा। इसीलिए लखनऊ के धरने को एसोसिएशन ने स्थगित करने का निर्णय लिया। 22 दिनों के बेमियादी हड़ताल से सरकार को हमारी ताकत का अंदाजा लग गया है। यह हमारी जीत की महज शुरूआत है। अब जब प्रदेश इकाई का प्रतिनिधिमंडल जब पुनः लखनऊ में अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिलेगा तो हमें पूरी उम्मीद है कि आंगनबाड़ी अपने संघर्षो के बल पर इतिहास रचेगी। उन्होंने कहा कि जब तक हमें सीएम द्वारा लिखित आश्वासन नहीं दिया जायेगा तब तक हम जिले पर चलने वाले धरने को समाप्त नहीं करेंगे। सीएम आज हमारी मांगों को पूरा करें हम आज धरने को समाप्त करने को तैयार है।
यह भी पढ़ें- आगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आरोप, बौखलाया प्रशासन रच रहा षडयंत्र इस दौरान उन्होंने आगनबाड़ी के दूसरे संगठन पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों को अपनी ताकत का अंदाजा नहीं था इसलिए वे हमारे विरोध में कठपुतली के रूप में खड़ी थी जबकि हमारी सभी मांगे जायज है। इसलिए आज सीएम ने सकारात्मक रवैया अपनाया है। हम सभी आंगनबाड़ियों से अपील करते है ं कि वे अपनी ताकत को पहचाने और आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन का साथ दें। इस मौके पर रीता यादव, त्रिरत्नप्रिया, संगीता गोंड, वन्दना पाठक, ममता निगम, लक्ष्मी गोंड, कंचन राय, शशिकला, सुनीता सिंह, सरोज पाल, कंचन यादव आदि उपस्थित रहीं।
by Ran Vijay Singh