कारण कि बीजेपी के पास केशव मौर्य को छोड़ दिया जाय तो अति पिछड़ी जाति का कोई मजबूत नेता नहीं है। इसलिए अनिल राजभर, दारा सिंह चौहान जैसे नेताओं को आगे किया जा रहा है। बता दें कि महागठबंधन की सुगबुगाहट के बीच बीच बीजेपी की चुनौती लगातार बढ़ रही है। एक तरफ एससीएसटी के खिलाफ लोगों की नाराजगी तो दूसरी तरफ सांसदों के गैर जिम्मेदाराना रवैये से उपजा गुस्सा बीजेपी की पेरशानी और बढ़ा रहा है।
इन सब के बीच बीजेपी में सबसे अधिक बेचैनी भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बागी तेवर से है। कारण कि बीजेपी अगर 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने में सफल रही है तो उसके पीछे बड़ा कारण पार्टी के प्रति अति पिछड़ों की लामबंदी रही है।
वर्ष 2019 में बीजेपी के जीत का दारोमदार इन्हीं पर है। ओमप्रकाश राजभर की राजभर जाति में गहरी पैठ है। वे सीट जीतने की स्थिति में भले ही न हो लेकिन वोट का बटवारा कर बीजेपी को हराने में सक्षम जरूर हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बड़ी जीत और ओमप्रकाश के बागी तेवर के बाद पार्टी ने अनिल राजभर को आगे किया। उन्हें न केवल मंत्री बनाया गया बल्कि जिन क्षेत्रों में ओमप्रकाश की सर्वाधिक पकड़ है वहीं उन्हें सक्रिय किया गया।
अनिल कितने सफल हैं यह तो समय बतायेगा लेकिन यह बीजेपी के एक रणनीति का हिस्सा है। इसके बाद बलिया के राजभर नेता को राज्यसभा भेज राजभर जाति पर पकड़ बनाने की कोशिश की। कही न कही इस बात का एहसास ओमप्रकाश राजभर को भी है कि बीजेपी उनका विकल्प तैयार कर रही है। यही वजह है कि उनकी बेचैनी भी बढ़ी है और वे किसी न किसी बहाने लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं।
अब बीजेपी एक और अति पिछड़ी जाति के नेता योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान को लगातार प्रोत्साहन दे रही है। पहले उन्हें प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का प्रभारी बनाया गया। दारा सिंह ने अपने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया और मोदी की रैली ऐतिहासिक रही।
ओमप्रकाश राजभर का मऊ, गाजीपुर सहित आसपास के लिए अच्छा प्रभाव है और दारा सिंह का मऊ राजनीतिक क्षेत्र। दारा सिंह इसी जिले से विधायक हैं। घोसी सीट बना चौहान और राजभर मतदाताओं का पक्ष में किये किसी भी दल के लिए जीतना संभव नहीं है। बीजेपी दारा सिंह को आगे कर पूरे पूर्वांचल के चौहान मतदाताओं को अपने पाले में करना चाहती है। यही कारण है कि उनका कद निरंतर बढ़ाया जा रहा है।
अभी हाल में दारा सिंह चौहान के पिता का निधन हुआ है। बीजेपी सरकार के डिप्टी सीएम केशव मौर्य सहित कई कैबिनेट और राज्य मंत्री उनके घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंच चुके है। इस दौरान इन्होंने राजनीति और राम मंदिर जैसे मुद्दे पर भी खुलकर बात की। अब 28 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ उनके घर पहुंच रहे हैं। यहीं नहीं चर्चा तो यहां तक है कि तेरहवी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी उनके घर पहुंचेगे। लोग इससे उनके कद का अंदाजा लगा रहे है। सूत्रों की माने तो दारा सिंह चौहान वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक भी बनाए जायेंगे।