scriptउप चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब पंचायत फतह पर भाजपा का जोर, बना रही बड़ा प्लान | UP Panchaty election fight BJP | Patrika News
आजमगढ़

उप चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब पंचायत फतह पर भाजपा का जोर, बना रही बड़ा प्लान

अति पिछड़ों व अति दलितों के अधिक से अधिक मौका देकर विपक्ष को उसी के दाव से घेरेगी पार्टी
उपचुनाव में बड़ी जीत से उत्साहित हैं भाजपाई, विपक्ष के टूटे मनोबल का उठाना चाहेंगे लाभ
जिला इकाई सीटवार कर रही है मंथन, पंचायत चुनाव को 2022 के तैयारी का आधार बनाएगी पार्टी

आजमगढ़Nov 13, 2020 / 02:33 pm

रफतउद्दीन फरीद

azamgarh news

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

आजमगढ़. यूपी में विधानसभा की सात सीटों पर उप चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाली बीजेपी अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को फतह करने की तैयारी में जुट गयी है। पार्टी इसके लिए सीट वार मंथन कर रही है। पंचायत चुनाव को ही 2022 का आधार बनाया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायत वार जातिगत आंकड़ों से लेकर बूथ की स्थिति पर पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों की मानें तो यहां भी बीजेपी विपक्ष को उसी के दाव से पराजिक करने का मन बना चुकी है। यानि कि जिस सीट पर जिसकी आबादी सर्वाधिक होगी उसे मौका दिया जा सकता है।

बता दें कि उप चुनाव में जौनपुर की मल्हनी सीट को छोड़ दिया जाय तो बीजेपी ने बाकी की छह सीटों पर कब्जा किया है। इससे पार्टी के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक जोश से लवरेज हैं और वे पंचायत चुनाव में अधिक से अधिक सीट जीत विपक्ष के मनोबल को तोड़ना चाहते हैं ताकि इसका फायदा 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उठाया जा सके।

आम तौर पर भाजपा अब तक पंचायत चुनाव नहीं लड़ती थी। पंचायत चुनाव पार्टी के सिबंल पर होते भी नहीं है। ऐसे में सपा, बसपा और कुछ छोटे दल समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतारते रहे है। पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। उस चुनाव में पार्टी का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा था।

इस बार पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सपा, बसपा, कांग्रेस, प्रसपा, सुभासपा, अपना दल आदि ने पहले ही पंचायत चुनाव लड़ने की घोषण कर दी है। चुंकि लगातार दो लोकसभा, एक विधानसभा और हाल में उपचुनाव जीतने के बाद बीजेपी का मनोबल बढ़ा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि गांव में अपनी ताकत और बढ़ाने तथा वोट बैंक अलावा अन्य जातियों में पैठ बनाने के लिए सरकार सिंबल पर चुनाव कराने का प्रयास कर सकती है।

बीजेपी के लोग इसे स्वीकार भी कर रहे हैं कि उम्मीद है कि शायद प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर कराने के लिए कोई पालिसी बना दे। पालिसी नहीं बनने पर भी भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के माध्यम से चुनाव मैदान में नजर आएगी। कारण कि बीजेपी ब्लाकवार प्रभारी पहले ही नियुक्त कर चुकी है। बूथ वार मंथन का कार्यक्रम भी चल रहा है। दीपावली के बाद बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में उतरेगी।

पंचायत चुनाव सभी दलों के लिए अग्निपरीक्षा साबित होने वाला है। कारण कि इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले दल के 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को बल मिलेगा। बीजेपी हमेंशा से ग्रामीण क्षेत्र में कमजोर मानी जाती रही है। ऐसे में उसके सामने विपक्ष की अपेक्षा कही अधिक चुनौती होगी। वहीं विपक्ष को बीजेपी के दाव की काट खोजनी होगी।

बीजेपी सूत्रों की माने तो पार्टी पंचायत चुनाव में समाज के प्रत्येक तबके को भागीदारी देने वाली है। उसका मुख्य फोकश अदर बैकवर्ड व अदर दलित पर होगा। अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार पार्टी उन्हें संतुष्ट करने के साथ ही खुद को बूथ लेबल पर मजबूत करने की कोशिश करेगी। अब तक विपक्ष इन्हीं मतों के भरोसे पंचायत फतह करता रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा और विधानसभा में बीजेपी के साथ खड़े रहे अति पिछड़ों व अति दलितों को पार्टी अपने रखने में सफर रहती है या फिर बीजेपी के इस वोट बैंक में सेंध लगाने का विपक्ष का मंसूबा सफल होता है।

BY Ran vijay singh

Home / Azamgarh / उप चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब पंचायत फतह पर भाजपा का जोर, बना रही बड़ा प्लान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो