बता देें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणना पूरी होने के बाद स्थिति साफ हो गयी है। कोई भी राजनीतिक दल अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया है। यूं भी कहा जा सकता है कि आजमगढ़ मंडल में जिला पंचायत अथवा क्षेत्र पंचायत में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। छोटे दलों ने जहां चुनाव में उपस्थिति दर्ज करायी है वहीं निर्दल किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रहे है। इससे सत्ता के साथ ही विपक्ष की भी बेचैनी बढ़ी है।
आजमगढ़ में सपा सबसे बड़ी पार्टी
आजमगढ़ जिले में जिला पंचायत सदस्य की सभी 84 सीटों के परिणाम घोषित हो गए है। यहां भाजपा के खाते में 12 सीटें आई है। वहीं सपा ने 25 व बसपा ने 14 सीटों पर जीत हासिल की है। इसके अलावा एआईएमआईएम को 01, कांग्रेस को 01, उलेमा कौंसिल को 01, अपना दल को 01, आम आदमी पार्टी को 01, सुभासपा को 01 सीट मिली है। 26 सीटों पर निर्दल उम्मीदवारों को सफलता मिली है। यहां किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। छोटे दल और निर्दल जिसके साथ खड़े होंगे उसी का अध्यक्ष होना तय माना जा रहा है।
मऊ में बसपा सबसे बड़ी पार्टी
मऊ जिले में भी सभी 34 सीटों के परिणाम घोषित हो गये है। यहां भाजपा को 03, कांग्रेस को 01, सपा को 02, बसपा को 07, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को 01, अपना दल को 01, सुभासपा को 04 सीटें मिली है। यहां 15 निर्दल चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। यदि देखा जाय तो यहां कोई भी दल दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका है। बसपा 7 सीट जीत नंबर एक पर है तो सुभासपा 04 सीटें जीत दूसरे नंबर की पार्टी बनी है। यहां भी निर्दल ही किंग मेकर साबित होने वाले हैं।
बलिया में सुभासपा ने पेश की चुनौती
समाजवादी नेता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह का गढ़ रहे बलिया में भी सपा बहुमत का आंकड़ा छूने में नाकाम रही है तो राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के साथ आने के बाद भी भाजपा कोई करिश्मा करने में नाकाम रही है । यहां की 58 सीटों ने 12 सीटों पर जीत हासिल कर सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं 10 सीटों पर जीत हासिल कर सुभासपा न केवल दूसरे नंबर की पार्टी बनी बल्कि बड़ा उलटफेर करने में सफल रही है। भाजपा को यहां सिर्फ 08 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। वहीं बसपा को यहां 07 सीटें मिली हैं। कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल रही है जबकि यहां 20 निर्दलियों ने जीत हासिल की है। यहां भी निर्दल किंग मेकर की भूमिका में है।
निर्दल जिसके साथ उसके सिर बंधेगा सेहरा
आजमगढ़ मंडल के तीनों जिलों में निर्दल किंगमेकर बनकर उभरे है। यहां किसी दल के पास इतनी सीट नहीं है कि अपना अध्यक्ष बना सके। ऐसे में यह साफ है कि निर्दल जिसके साथ जाएंगे उसी के सिर जीत का सेहरा बंधेगा। निर्दलियों को साधने की कवायद शुरू हो गयी है।
BY Ran vijay singh