ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार काफी दबंग और मनबढ़ किस्म का व्यक्ति है। इनके पुत्रों द्वारा मनमाने तरीके से मानक से अधिक पैसा लेकर खाद्यान का वितरण किया जाता है। पात्रों को खाद्यान भी कम दिया जाता है। कोटेदार की मनमानी को लेकर गत 16 सितम्बर को खाद्यान से वंचित 45 पात्रों ने जिलाधिकारी से मिलकर अपना शपथ पत्र दिया था इसके बाद भी कोटेदार के खिलाफ न तो कोई कार्यवाही हुई और न ही कोटे की दुकान ही बर्खास्त की गई।
ग्रामीणों ने कहा कि जिन लोगों ने खाद्यान न मिलने पर डीएम को अपना शपथ पत्र दिया था अब उन लोगों को कोटेदार द्वारा खाद्यान नही दिया जा रहा हैं। गरीबों के लिए आये खाद्यान की कालाबाजारी कर दी जा रही है। पिछले तीन माह से ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे है लेकिन उनकी सुनवाही नही हो रही है। खाद्यान से वंचित पात्रों ने बताया कि जब वे राशन लेने के लिए दुकान पर गये तो कोटेदार के पुत्रों ने डाट कर भगा दिया। आरोप है कि कोटेदार काफी प्रभावशाली है जिसके कारण उसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही हो पा रही है। इस मौके पर तिरथ, बुद्धू, महंगू, रामचेत, दिनेश, धर्मेन्द्र गोड़, रामअवध, संजय, सूरज, अरूण कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।