राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने हमें गर्व है कि हम विश्वकर्मा हैं। निर्माण के कार्यों और विकास से हमारा सरोकार है। अब विश्वकर्मा समाज के सम्मान और स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं होगा। समाज के अधिकार की लडाई सडक से संसद तक लडेगे। भगवान विश्वकर्मा निर्माण और शिल्प के देवता है और पूरा देश 17 सितम्बर को केवल विश्वकर्मा ही नहीं बल्कि उद्योगों में काम करने वाले सभी लोग उनकी पूजा करते है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस के सार्वजनिक अवकाश को निरस्त कर उनका अपमान कर दिया। 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने तथा 2012 में अखिलेश यादव की सरकार ने विश्वकर्मा पूजा दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करके भगवान विश्वकर्मा का सम्मान बढाया था और विश्वकर्मा समाज की पहचान बनायी थी। अब भाजपा सरकार उसे मिटा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान विश्वकर्मा को पहले महापुरुष की श्रेणी में रखा और अब उनके अधिकारी विश्वकर्मा महराज बता रहे है। भाजपा सरकार को विश्वकर्मा का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। हम इसे कदापि बर्दाश्त नहीं करेगे। हद तो तब हो गयी जब हरियाणा में भाजपा की सरकार ने विश्वकर्मा दिवस को मजदूर दिवस के रुप में मनाया और यह बता दिया कि सरकार की निगाह में विश्वकर्मा की हैसियत एक मजदूर से ज्यादा कुछ नहीं है। आश्चर्य है भाजपा में विश्वकर्मा समाज के जो नेता हैं वह भी समाज के सम्मान पर बोलने को तैयार नहीं है। सपा सरकार में विश्वकर्मा समाज को मन्त्री बनाकर सरकार में भागीदारी दी गयी थी। विश्वकर्मा समाज के भूमिहीन लोगो को वर्कशाप और कुटीर उद्योग लगाने के लिये ग्रामसभा की जमीनो का पट्टा देने का शासनादेश जारी किया गया था। सरकारी नौकरियों में भर्ती करने हेतु इण्टर पास विश्वकर्मा समाज के लडको को आईटीआई का प्रमाणपत्र देने का शासनादेश जारी किया गया था।
भाजपा सरकार ने उन सभी पर रोक लगा दी। उन्होंने विश्वकर्मा समाज से अपील की कि वे एक नजर अपने कारोबार पर और एक नजर सरकार पर रखें और जो सरकार आपके विपरीत काम करे उसे बदलने के लिये तैयार रहे। भाजपा राज में विश्वकर्मा समाज पर लगातार उत्पीडन और अत्याचार हो रहा है। समाज के लोगो की हत्याये बलात्कार और उनकी जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। न तो पुलिस कार्यवाही कर रही है और न सरकार सुनवाई कर रही है। विश्वकर्मा व्रिगेड के नौजवानों से कहेगे कि समाज की सुरक्षा और उनके सम्मान की रक्षा करने की जिम्मेदारी अब उनकी होगी। आखिर भाजपा सरकार में कितनी नौकरी मिली। यह सरकार पिछडे वर्गो के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश कर रही है। अगर आरक्षण समाप्त हो गया तो पिछडे वर्ग के किसी को नौकरी नहीं मिलने वाली है। पहले विश्वकर्मा समाज अपने पुश्तैनी लोहे लकडी के कारोबार पर गुजारा कर लेते थे लेकिन बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के कब्जा के कारण विश्वकर्मा समाज बेरोजगारी और भुखमरी के कगार पर पहुंच गये है।
विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या के आधार पर सरकारी नौकरियों सरकारी पदों और राजनीति में भागीदारी सरकार को देनी होगी। समाज अब अपना अधिकार लेने के लिये सड़क से लेकर संसद तक पर संघर्ष करने के लिये तैयार है। इस अवसर पर नगर पंचायत बिलरियागंज के अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, सभासद दिनेश विश्वकर्मा, रंगकर्मी सुनील दत्त विश्वकर्मा, गायक अरविंद शर्मा “मधुकर“, जियालाल व प्रमोद यादव का स्मृति चिन्ह प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया। समारोह का उद्घाटन पूर्व मंत्री बलराम यादव, डॉ. संग्राम यादव, हवलदार यादव, पूर्व सांसद नंदकिशोर यादव, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव ने भगवान विश्वकर्मा के चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया। अथितियों का स्वागत दिनेश विश्वकर्मा, रामप्रकाश विश्वकर्मा, रामसिंगार विश्वकर्मा, पद्माकर लाल वर्मा, डॉ श्रीराम विश्वकर्मा, ऐडवोकेट शशिकांत विश्वकर्मा, रामसमुझ विश्वकर्मा, अमरनाथ विश्वकर्मा, अरुण विश्वकर्मा, डॉ अशोक विश्वकर्मा ने माल्यर्पण संचालन सुनील दत्त विश्वकर्मा ने किया।
By Ran Vijay Singh