बता दें कि विपणन गोदाम महुवार, साधन सहकारी समिति रैसिगपुर व बड़सरा खालसा पर गेंहू की खरीद का कार्य चल रहा है। सरकारी दर 20 रुपए प्रति क्विटल है। इसमें पल्लेदार गेहूं टाली से उतार कर बोरे मे भर गोदाम में रखते हैं। यह धनराशि किसान देता है। बाद में किसानों का यह धन गेंहू मूल्य के साथ खाते में आ जाते हैं। इसके अलावा बोरे पर एक रुपये छपाई, एक रुपये बोरे की सिलाई व ट्रक पर लादने का दो रुपये मिलता है जो ठेकेदार देता है। जबकि इसका रेट नौ रुपया 87 पैसा है। चार रुपये भी ठेकेदार नहीं दे पा रहा है।
इससे गेहूं तौल का काम दो घंटे तक ठप रहा। विपणन लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव के समझाने पर किसी तरह पल्लेदार माने और गेहूं तौल का कार्य शुरू किया। इस संबंध में विपणन निरीक्षक संदीप कुमार यादव ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। फिर भी उच्चाधिकारियों से बात करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में दशरथ, श्याम बिहारी, रामवृक्ष, निराम, रामराज, चंद्रशेश, वीरेंद्र, मुन्नी, छांगुर आदि रहे।