जिला महिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. विनय कुमार सिंह यादव बताते हैं कि आधुनिक जीवन शैली में खासकर युवाओं में मोबाइल व इंटरनेट में बहुत अधिक समय बिताना और उसकी लत लग जाना, मादक पदार्थों का सेवन करने आदि से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे लोग खुद पर बहुत अधिक दबाव महसूस करते हैं। किसी भी कार्य में अच्छे परिणाम न आने पर मानसिक स्वास्थ्य असंतुलित हो जाता है। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखे और घरेलू काम, साहित्य अध्ययन, खेल आदि के प्रति प्रेरित करें। ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
उन्होंने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति में गहन चिंतन, अवसाद, नींद न आना, घबराहट आदि के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तत्काल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। कारण कि हम अपनी मानसिक समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते है जिसके कारण बाद में हमें इसके दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है। इसलिए सावधान रहे और सतर्क रहें। खुद जागरूक रहने के साथ ही दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। कारण कि मानसिक रुप से स्वस्थ्य व्यक्ति ही प्रगति के रास्ते पर चल सकता है। सभी जिला अस्पतालों में मानसिक रोग के उपचार की निःशुल्क व्यवस्था है।