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किसानों के आएंगे अच्छे दिन, प्याज की खेती पर सरकार देगी निःशुल्क बीज

locationआजमगढ़Published: Jan 15, 2018 02:58:30 pm

नई किस्म से प्रति हेक्टेयर 300 कुंतल प्याज का होगा उत्पादन

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yogi government declared no fee for onion farm

आजमगढ़. प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्याज की खेती के लिए अब किसानों को बीज सरकार निःशुल्क देगी। प्याज की नई किस्म से किसानों की आय बढ़ेगी। इसके लिए जनपद में कुल 75 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत जनपद के किसानों को सहूलियत के लिए एग्री फाउंड लाइट रेड नस्ल की प्याज पैदा करने का निर्णय शासन ने लिया है। इसके तहत नेशनल हर्टिकल्चर रिसर्च एंड मार्केटग फेडरेशन बंग्लौर की तरफ से बीज भेजा गया है। किसानों को जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन कर दूसरी प्रति जमा करना होगा।
इसमें खतौनी की नकल, दो फोटो, बैंक की पासबुक, आधारकार्ड शामिल रहेगा। जिला उद्यान अधिकारी बालकृष्ण वर्मा ने बताया कि, अनुसूचित जाति के पांच हेक्टेयर व अन्य वर्ग के लिए 70 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक किलो प्याज के बीज में 5.1 हेक्टेयर खेत में प्याज रोपी जा सकती है। एक हेक्टेयर में 300 कुंतल प्याज का उत्पादन होगा।
अधिक तापमान होना फायदेमंद
प्याज की फसल के अच्छे कंद बनने के लिए बड़े दिन तथा कुछ अधिक तापमान होना अच्छा रहता है। कंद बनने से पहले 12.8-230 सेल्सियस तापमान तथा कंदों के विकास के लिए 15.5-210 सेल्सियस तापमान उपयुक्त रहता है। आमतौर पर सभी किस्म की भूमि में इसकी खेती की जाती है, लेकिन उपजाऊ दोमट मिट्टी, जिसमें जीवांश खाद प्रचुर मात्रा में हो व जल निकास की उत्तम व्यवस्था हो, सर्वोत्तम रहती है।
प्याज की किस्में
पूसा रेड, पूसा रतनार, पूसा माधवी, अर्का निकेतन, अर्का ोबदू, अर्का कीर्तिमान, अर्का लालिमा, एग्रीफाउंड लाइट रेड, उदयपुर-101, उदयपुर-103, अर्का पिताम्बार, फुले स्वर्णा, अर्ली ग्रेनो, ब्राउन स्पेनिच, पूसा व्हाइट राउंड, पूसा व्हाइट फ्लैट, उदयपुर-102, एग्रीफाउंड व्हाइट, एन-257-9-1।
प्याज बीज बोने का समय
रबी फसल के नर्सरी में बीज की बुवाई अक्टूबर से मध्य नवंबर तक करना अच्छा रहता है। खरीफ प्याज उत्पादन के लिए बीज की बुआई का 15 जून से 30 जून तक करनी चाहिए। खरीफ प्याज की फसल को बोने मे किसी कारण देर होती है तो किसी भी हालात में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक बो देना चाहिए।
नर्सरी में पौध तैयार करना
पौध के लिये क्यारी ऐसे स्थान पर बनानी चाहिए जहां पर ोसचाई और पानी के निकास का अच्छा प्रबंध हो। भूमि समतल तथा उपजाऊ होनी चाहिए। आसपास छाया वाले वृक्ष नहीं होने चाहिए। पौध तैयार करने के लिए तीन मीटर लंबी तथा एक मीटर चौड़ी क्यारी भूमि से लगभग 15-20 सेमी ऊंची बना लेनी चाहिए। उपरोक्त आकार की 50 क्यारियां एक हेक्टेयर में रोपण के लिए पर्याप्त होती हैं। बीज बोने से पहले क्यारी की भलीभांति गुड़ाई करनी चाहिए। प्रतिवर्ग मीटर क्षेत्र में 4-5 ग्राम कैप्टान या थायरम मिलना चाहिए। प्रत्येक क्यारी में 15-20 किग्रा अच्छी तरह सड़ा हुआ गोबर का खाद तथा 10-15 ग्राम दानेदार फ्यूराडान मिला देना चाहिए। क्यारी को समतल करने के बाद 8-10 सेमी की दूरी पर 1.2 सेमी गहरी नालियां बनाकर क्यारी तैयार कर लेना चाहिए।
इस तरह तैयार करें नर्सरी
क्यारी तैयार होने के बाद बीज को फफूंदनाशक दवा जैसे- कैप्टान या थायरम (2.0-2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज) से अवश्य उपचारित कर लेना चाहिए ताकि प्रारंभ में लगने वाली बीमारियों के प्रकोप से पौधे बच सकें। इस प्रकार उपचारित बीज को तैयार क्यारियों में बो देना चाहिए। बुआई के बाद बीज को मिट्टी तथा सड़े गले गोबर के खाद के मिश्रण से ढ़ककर उसके ऊपर कांस अथवा पुआल आदि की एक पतली परत बिछा देना चाहिए जिससे तेज धूप तथा वर्षा से बीज की रक्षा हो सके।
input-रणविजय सिंह

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