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योगी सरकार भूल गयी गड्ढा मुक्त सड़क का वादा, कागजों तक सिमटा आदेश

locationआजमगढ़Published: Aug 29, 2018 03:16:26 pm

गांव की सड़क तो छोड़िए नेशनल हाइवे पर भी चलना हुआ दूभर।

Azamgarh Road

आजमगढ़ की सड़कें

आजमगढ़. यूपी में 14 वर्ष के वनवास के बाद सत्ता में लौटी बीजेपी सरकार बनने ही अपने वादे भूल गयी। सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने दो माह में सड़कों को गड्ढ़ामुक्त करने का दावा किया आदेश भी हुआ लेकिन सब कागज में सिमट कर रह गया। सावन में भी सरकार ने कावंरियों की समस्या को देखते हुए सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने का निर्देश दिया लेकिन जिले में एक भी सड़क के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ। अब तो हद ही हो गयी है शहर से लेकर गांव तक सड़के टूटी ही है नेशनल हाइवे का हाल भी बद से बदतर हो गया है। टूटी सड़क में वाहन फंस रहे है और चार से पांच घंटे प्रतिदिन जाम लग रहा है। सब मिलाकर यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है और सरकार और संबंधित विभाग के लोग मौन हैं। विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया है लेकिन वह भी आम आदमी की समस्या समाधान के लिए लड़ने के बजाय छपास रोग से ग्रसित होकर सिर्फ बयानबाजी कर रहा है।
Azamgarh Road
 

बता दें कि वर्ष 2017 के चुनाव में भय, भ्रष्टाचार, भूख, अपराध, सड़क, बिजली और यातायात बड़ा मुद्दा बना था। जनता ने 14 साल बाद बीजेपी पर भरोसा जताया और 325 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनायी। सत्ता में आते ही सीएम योगी ने सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने का निर्देश दिया लेकिन आदेश सिर्फ कागज पर ही नजर आया। कुछ जगह पैचिंग कर सिर्फ लाखों रूपये भुगतान कराया गया। सरकार डेढ़ साल में सड़कों की सूरत नहीं बदल सकी। सावन के महीने में जब सरकार ने दोबारा सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने का निर्देश दिया तो उम्मीद जगी लेकिन सरकार नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं कर सकी। फिर परिणाम वही ढांक के तीन पात वाला रहा।
Azamgarh Road
 

अब तो हालत बद से बदतर हो गयी है। राज्य सरकार की सड़कों के साथ ही नेशनल हाइवे भी गड्ढ़े में तब्दील हो गये है। हल्की सी बरसात में बेलइसा, रानी की सराय आदि कस्बों में घुटने भर पानी लग जा रहा है। सड़क के गड्ढ़ों में हर दिन कोई न कोई ट्रक या बस फंस रही है जिसके कारण रानी की सराय कस्बे में चार से पांच घंटे तक जाम लग जा रहा है। इसके बाद भी न तो सड़क की मरम्मत की जा रही है और ना ही जल निकासी की व्यवस्था। जबकि इस कस्बे से लखनऊ, इलाहाबाद, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर जाने वाले सभी वाहन गुजरते है। इस सड़क के टूटने के बाद सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा काफी बढ़ गया है। विपक्ष इस अपने लिए बड़े मुद्दे के रूप में देख रहा है लेकिन इनका भी सारा विरोध विज्ञप्ति जारी करने तक सीमित है। हालत यह है कि आम आदमी का जीनव नारकीय हो गया है।
By Ran Vijay Singh

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