बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमि लगभग समाप्त हो गयी हैं। ऐसे में विवाह के समय बारात रोकना एक बड़ी बड़ी समस्या बन गयी है। गांव के समृद्ध लोग मैरेज हाल बुक कर लेेते हैं लेकिन गरीबों को भारी जहमत उठानी पड़ती है। लोग खेत, स्कूल आदि स्थानों पर बारात रोकते हैं। आम आदमी की इस जरूरत को देखते हुए सरकार ने ग्राम पंचायतों में अब बरात घर बनवाने का फैसला किया है। एक बरात घर पर 30 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं जिन गांवों में अब तक अंत्येष्टि स्थल नहीं बना है वहां इसका निर्माण कराया जाएगा। प्रत्येक अंत्येष्टि स्थल पर 24.26 लाख रुपये खर्च होंगे। शासन स्तर पर चल रही तैयारी के बाद जल्द ही जिले में भी योजना क्रियान्वित हो जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दुबे का कहना है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सभी ग्राम पंचायतों में बरात घर व अंत्येष्टि स्थल बनाने की घोषणा की है। आदर्श चुनाव आचार संहिता चल रही है इसलिए अभी तक शासन स्तर से कोई आदेश नहीं आया है। आदेश जारी होते ही निर्देश के अनुसार कार्य कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद के 22 विकास खंड में कुल 1858 ग्राम पंचायतें हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में बरात घर व अंत्येष्टि स्थल न होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में बरात घर व अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित स्थानों तक पहुंचने के लिए आवागमन की भी सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। सामुदायिक शौचालय बनेगा तो उजाले की पर्याप्त व्यवस्था होगी।