रानी की सराय थाना क्षेत्र के भीमसेनपुर गांव निवासी संतोष यादव 20 पुत्र सुबेदार यादव मां-बाप का इकलौता पुत्र था। सुबेदार रोजी-रोटी के के लिए मुंबई में नौकरी करते है। संतोष अपने चाचा-चाची के साथ घर पर रहकर पढ़ाई करता था।
परिवार के लोगों के मुताबिक संतोष गांव की ही एक नाबालिक लड़की से प्रेम करता था। दोनों के बीच चल रहे प्रेम प्रपंच की जानकारी जब लड़की के परिवार के लोगों को हुई तो उन्होंने सितंबर में संतोष के खिलाफ छेड़खानी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया था। साथ ही उन्होंने लड़की पर दबाव बनाया कि वह संतोष से बातचीत न करे।
एफआईआर दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने संतोष की तलाश शुरू की तो वह कोर्ट में सेरेंडर कर दिया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दस दिन बाद जेल से छूटने पर उसने प्रेमिका से मिलने की कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हुई। इसी बीच जब बात हुई तो प्रेमिका ने उससे मिलने या बात करने से इंकार कर दिया।
इससे बाद से ही संतोष काफी परेशान था। शनिवार की रात भोजन करने के बाद वह कमरे में सोने चला गया। रविवार सुबह जब वह देर तक सो कर नहीं उठा तो चाचा उसे जगाने कमरे में पहुंचे तो छत के चुल्ले में नायलान की रस्सी के सहारे संतोष का शव लटका देख सन्न रह गए।
इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी संतोष के ननिहाल तहबरपुर थाना क्षेत्र के पटखौली गांव निवासी खुरमुल्ली यादव को दी। ननिहाल वालों के पहुंचने के बाद पुलिस की मौजूदगी में शव को नीचे उतारा गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थानाध्यक्ष रामायण सिंह ने बताया कि आत्महत्या के पीछे प्रेम प्रपंच ही वजह बनकर सामने आयी है। मामले की जांच की जा रही है।
BY Ran vijay singh