script23 accused punished for corruption in MNREGA scheme | भ्रष्टाचार के मामले में 23 आरोपी सलाखों के पीछे | Patrika News

भ्रष्टाचार के मामले में 23 आरोपी सलाखों के पीछे

locationबड़वानीPublished: Jan 01, 2023 10:47:16 am

Submitted by:

harinath dwivedi

10 साल बाद 5 करोड़ से अधिक राशि का सेंधवा की 23 पंचायतों के मनरेगा में गबन करने पर 23 लोगों को सजा
-अनेक व्यापारियों सहित ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को 7 वर्ष का सश्रम कारावास

23 accused punished for corruption in MNREGA scheme
23 accused punished for corruption in MNREGA scheme

बड़वानी/सेंधवा.
जिले की सबसे बड़ी जनपद पंचायत में करीब 10 वर्ष पहले ग्राम पंचायतों के माध्यम से अधिकारियों और व्यापारियों सहित अन्य लोगों द्वारा किए गए करोड़ों भ्रष्टाचार के मामले में बड़वानी न्यायालय द्वारा करीब दो दर्जन आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। जिन लोगों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है। उसमें सेंधवा के कुछ बड़े व्यापारी और सरपंच सचिव शामिल है।
23 आरोपियों को 7 वर्ष का सश्रम कारावास
जिला न्यायालय प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश कैलाश प्रशाद मकाराम ने पारित फैसले में सेंधवा जपं की 23 ग्राम पंचायतों में मनरेगा में मालवन स्थित एसबीआई बैंक शाखा प्रबंधक द्वारा 3 अलग-अलग फर्मों के संचालकों सहित 23 ग्राम पंचायतों के 19 लोगों को 7 वर्ष सश्रम कारावास और अर्थ दंड की सजा से दंडित किया गया। भ्रष्टाचार में न्यायालय ने 25 लोगों को दोषी पाया। इनमें से प्रकरण की सुनवाई के दौरान 2 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं 23 में से 1 पहले से ही जेल में बंद है।
फर्जी बैंक खाता खुलवा कर किया गबन
लोक अभियोजक हेमेंद्र कुमरावत ने बताया कि मनरेगा जिला पंचायत, कलेक्टर में शिकायत हुई थी। जपं सेंधवा के तहत ग्राम पंचायतों से फर्जी बैंक खाते खुलवाकर शासकीय राशि में गबन किया गया था। पूरे मामले में तत्कालीन जपं सीईओ लाखनसिंह राजपूत सहित सेंधवा के कुछ बड़े व्यापारियों के सांठगांठ का मामला चर्चा में रहा था। कलेक्टर, जिपं सीईओ द्वारा जांच दल गठित कर जिसमे 5 मार्च 2012 को जांच दल के प्रभारी एसके शर्मा पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठन के निर्देशन में समिति द्वारा जांच भ्रष्टाचार होना सिद्ध पाया गया था। कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन अधिकारियों को सौंपा गया था।
23 ग्राम पंचायतों में 5 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार
जांच में पाया गया कि 23 ग्राम पंचायतों में भारतीय स्टेट बैंक मालवन में फर्जी खाते खुलवा 5 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपए का गबन 2010-11 में करने की पुष्टि की गई। जांच दल ने पाया लखन सिंह राजपुत तत्कालीन जपं सीईओ सेंधवा, राजेश खडक़े तत्कालीन शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक शाखा मालवन तथा 23 ग्राम पंचायतों से जारी की गई राशि अनाधिकृत रूप से प्राप्त करनेवाली 3 फर्म के संचालक पशुपति ट्रेडर्स सेंधवा के प्रोपराइटर सदाशिव बाबूलाल मोर निवासी सेंधवा, राजराजेश्वर फार्म के अंशुमान खेमराज सेंधवा एवं नीरज मिश्रीलाल गुप्ता सेंधवा, सेंधवा जपं की 23 पंचायतों के सरपंच, सचिव को आज न्यायालय से प्रथम अतिरिक्त जिला एवम सत्र न्यायधीश कैलाश प्रशाद मकाराम द्वारा सजा दी गई।
इन पंचायतों के प्रतिनिधियों पर हुई कार्रवाई
वरला थाना में प्रतिवेदन प्राप्त होने पर सीईओ के निर्देश पर थाना वरला में एफआइआर दर्ज करवाई थी। जिसे पुलिस वरला द्वारा 409, 420, 467, 468, 120 बी/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिन ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को सजा हुई है। उनमें कलालदा, झापड़ी पाडाला, खोकरी, ठिंगली, मडग़ांव, लवानी, रामकोला, धावड़ा च, चाचरियापाटी, काली कुंडी, कोट किराड़ी, रोजानीमाल, नांदिया, राजगढ़, सिरवेल, घुड़चाल, इथराई, बनिहार, बडग़ांव, नवलपुरा, झंडी खोदरी, चिकली ब, कुंडिया प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी हेमेंद्र कुमरावत लोक अभियोजक बड़वानी द्वारा की गई।
न्यायालय ने इन लोगों को सुनाई सजा
तत्कालीन सीईओ लाखनसिंह पिता वासुदेवसिंह राजपूत (58), तत्कालीन एसबीआई मालवर्न मैनेजर राजेश पिता नागदेव हडक़े (52), सीताराम पिता नानटा बारेला, सीताराम पिता गंगाराम भुगवाडे, गुलाब पिता नहारसिंह, पदमसिंह पिता छेदा बारेला, राजेश पिता मांगीलाल सागोरे, भागीराम पिता पर्वत भाबर, नरेंद्रसिंह पिता हरिसिंह भदौरिया, गणेश पिता भीलिया सांवले, उमेश पिता आनंदीलाल साहू, राजू उर्फ राजलिया पिता सिलदार बारेला, रामकुंवर पिता वेरसिंह निंगवाल, जागा पिता जतिया आर्य, नानबाई पति बारका उर्फ बहादर बारेला, सुनील पिता दशरथ पंवार, शोभाराम पिता कनू बारेला, विजय पिता कल्याणजी जैन, प्रकाशचंद पिता श्रीराम पालीवाल, गोपाल पिता घनश्यामदास गोयल, विकास उर्फ विक्की पिता गोपाल खंडेलवाल, रमेश पिता जोगीलाल कर्मा, कैलाश पिता साधु ब्राह्मणे, भायला पिता लच्छा बारेला, देवीसिंह पिता मोहनसिंह यादव को साथ 7 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदड से दंडित किया गया है।

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