scriptएक हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया सहायक सचिव | Assistant Secretary caught taking a bribe of one thousand | Patrika News

एक हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया सहायक सचिव

locationबड़वानीPublished: Jun 30, 2016 11:43:00 pm

Submitted by:

Editorial Khandwa

-राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के 20 हजार दिलाने के बदले मांगी थी रिश्वत-इंदौर विशेष पुलिस लोकायुक्त दल ने की कार्रवाई

Barwani. Lokayukta team action.

Barwani. Lokayukta team action.

बड़वानी. विशेष पुलिस लोकायुक्त इंदौर ने गुरुवार को बड़वानी कोर्ट चौराहा से सहायक सचिव को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ धरदबोचा। आरोपी सचिव हितग्राही से पिता की मृत्यु उपरांत राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि दिलाने के लिए एक हजार रुपए की मांग कर रहा था। हितग्राही ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की थी। साक्ष्य जुटाने के बाद गुरुवार को लेन-देन का समय तय हुआ था।

छोटी कसरावद निवासी जिनेंदसिंह तोमर (गोलू) के पिता भारतसिंह की कुछ समय पूर्व मृत्यु हो गई थी। बीपीएल परिवार होने से गोलू को शासन की ओर से मृत्यु उपरांत राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत 20 हजार रुपए की सहायता राशि मिलना थी। सहायक सचिव छोटी कसरावद रवि वास्कले इसका लाभ दिलाने के लिए एक हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। एक सप्ताह पूर्व गोलू ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की। गोलू द्वारा सुनाई गई रिकॉर्डिंग के आधार पर लोकायुक्त दल ने कार्रवाई की तैयारी की।

फंस गया लोकायुक्त के जाल में
सहायक सचिव ने गोलू को रिश्वत देने के लिए बड़वानी कोर्ट चौराहा पर बुलाया। गुरुवार सुबह 11.30 बजे जैसे ही गोलू ने सहायक सचिव को रुपए दिए, भ्रष्टाचारी सहायक सचिव लोकायुक्त के बिछाए जाल में फंस गया। लोकायुक्त दल आरोपी को बड़वानी थाने ले गया। यहां आरोपी सहायक सचिव रवि वास्कले के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। कार्रवाई में लोकायुक्त इंदौर निरीक्षक राजकुमार सराफ, महेश सुनैया, आरक्षक प्रमोद यादव, पवन पटोरिया, कमलेश परिहार शामिल थे। कार्रवाई के बाद लोकायुक्त ने आरोपी को मुचालके, जमानत पर छोड़ा।

दान में देना चाहता था राशि
फरियादी जिनेंद्रसिंह तोमर ने बताया कि योजना के तहत मिलने वाली राशि को वो किसी धार्मिक कार्य के लिए दान में देना चाहता था। न तो उस राशि से मृत्यु भोज कराना चाहता था न उस राशि में से रिश्वत देना चाहता था। जब सहायक सचिव ने रिश्वत के लिए ज्यादा ही परेशान कर दिया तो उसने नर्मदा जल हाथ में लेकर उसे सजा दिलाने की ठान ली और लोकायुक्त में शिकायत कर दी। उसका परिणाम ये रहा कि भ्रष्टाचारी सहायक सचिव लोकायुक्त के चुंगल में फंस गया।
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