ठीकरी के कपड़ा व्यसायी बाबूलाल महाराज अपने पूरे परिवार के साथ 28 मार्च को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि में रामलला के मंदिर में चरण पादुका अर्पित कर अपना संकल्प पूरा करेंगे। 74 वर्षीय कार सेवक बाबूलाल महाजन ने बताया कि 32 साल पहले वह उनकी पत्नी बृजबाला महाजन के साथ कार सेवा करने के लिए अयोध्या गए थे। उसी समय मन में भगवान को साढ़े 11 किलो चांदी की चरण पादुका अर्पित करने की इच्छा हुई थी। तभी से उन्होंने ये चरण पादुका भेंट करने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया दिवंगत संतोष शर्मा ने उन्हें रामायण में छपी भगवान की चरण पादुका की तस्वीर प्रदान की थी। इसके बाद इसी साल उनके रिश्तेदार ने इंदौर से उसी डिजाइन में चरण पादुका बनवाई। 26 मार्च को महाजन के साथ उनके चार भाई, चार बहनें, दो बेटी, एक बेटा व भांजियों का पूरा इंदौर से अयोध्या के लिए रवाना हो गए। 28 मार्च को अयोध्या पहुंचकर शोभायात्रा निकालकर भगवान के चरणों में साढ़े 11 किलो चांदी की चरण पादुका अर्पित कर अपना संकल्प पूरा करेंगे। कार सेवक महाजन ने प्रभु श्रीराम की सेवा में 8 साल पहले 2013 में ठीकरी के श्रीराम मंदिर में साढ़े 11 तौले सोने का मुकूट भेंट किया था।
दो बसों से लेकर 100 लोग ले गए थे
महाजन ने बताया कि 1990 में वे विश्व ङ्क्षहदू परिषद के प्रखंड प्रमख थे। उस समय वे 100 कार्यकर्ताओं को दो बसों से अयोध्या ले जाने के लिए निकले थे। वहां पहुंचने के एक दिन पहले गोली कांड हुआ था। इसके चलते सभी को इलाहबाद में पुलिस ने रोक दिया था। 92 कार्यकर्ता वहां से वापस लौट गए थे। उनकी पत्नी व 9 लोग प्रतापगढ़ से चीलबीला के जंगलों से निकलकर पैदल अयोध्या पहुंचे थे। तीन दिन अयोध्या में रहकर कार सेवा की थी।
महाजन ने बताया कि 1990 में वे विश्व ङ्क्षहदू परिषद के प्रखंड प्रमख थे। उस समय वे 100 कार्यकर्ताओं को दो बसों से अयोध्या ले जाने के लिए निकले थे। वहां पहुंचने के एक दिन पहले गोली कांड हुआ था। इसके चलते सभी को इलाहबाद में पुलिस ने रोक दिया था। 92 कार्यकर्ता वहां से वापस लौट गए थे। उनकी पत्नी व 9 लोग प्रतापगढ़ से चीलबीला के जंगलों से निकलकर पैदल अयोध्या पहुंचे थे। तीन दिन अयोध्या में रहकर कार सेवा की थी।