जमीन से बिजली के तार कितनी ऊंचाई पर हो, कंपनी के पास नहीं है निर्धारित मापदंड, मकानों से सटे है पुराने व जर्जर विद्युत पोल व हाइटेंशन तार
बड़वानी
Published: August 01, 2022 04:26:03 pm
विशाल यादव....
बड़वानी. सड़कों, रास्तों और पेड़ों के पास बिजली लाइन की दूरी और जमीन से बिजली के तार कितनी ऊंचाई पर हो, बिजली कंपनी के पास इनके लिए मापदंड निर्धारित हैं, लेकिन शहर में दर्जनों ऐसी जगह हैं, जहां ये मापदंड पूरी तरह से गायब हैं। कहीं मकानों की छतों से सटकर तो कहीं पर बिजली के खंभे मकानों में चुने हुए हैं और इन्हीं खंभों पर से मकानों के बीच से होकर बिजली लाइन निकली हैं। इससे रोजाना ही मकानों की छतों, छज्जों और दरवाजों पर करंट फैलने की आशंका रहती है, इसका न तो लोगों में डर है और न ही बिजली कंपनी को कोई चिंता।
पत्रिका टीम ने रविवार को शहर में बिजली लाइन के मापदंडों की पड़ताल की, तो हकीकत भयावह नजर आई। शहर के भारुड़ मोहल्ला चौराहा के घरों की ग्यालरी से सटे पोल पर विद्युत तार के जाल के बीच चीडिय़ों ने घोसला बना लिया। मायरिया निवास के पास आनंद नगर मार्ग पर झाडिय़ों में डीपी ढकी पड़ी है। पौधों रेले खंबों पर चढ़ गए। सावंतपुरा कॉलोनी स्थित एक मकान में छज्जे से बिजली का खंभा निकला हुआ है। वहीं इन्हीं खंभो में से बिजली के तार निकले हुए हैं। इससे यह तार मकानों के छज्जों के भीतर से होते हुए अन्य मकानों की दीवारों से सटे हुए हैं। यह एक जगह की स्थिति नहीं, बल्कि शहर के कई मोहल्लों में बिजली के खंभे मकानों के सटे निकले हैं और इन्हीं खंभो में से बिजली कंपनी द्वारा शहर और उन मोहल्लों व गलियों में बिजली सप्लाई की जा रही है। मुख्य मार्ग स्थित योग माया मंदिर के मध्य खंबे की पोल पर लगा ट्रांसफार्मर खुला पड़ा है। इससे जहां लोगों को घरों के छज्जों पर और छतों पर हमेशा करंट का खतरा बना रहता है और उनका कहना है कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इससे इन मकानों की छतों और छज्जों पर परिजन सतर्कता के साथ ही जाते हैं।
चौराहे पर खतरों का जाल
शहर में जहां हर गली रास्ते और हर चौराहों पर बिजली के तारों के खतरनाक जाल बने हुए हैं। इनसे आए दिन स्पार्किंग होती रहती है और इन्हीं खतरनाक जालों के नीचे लोगों की आवाजाही होती है। इससे स्पार्किंगों से हमेशा तार टूटने या करंट फैलने का खतरा बना रहता है। इतना ही नही गलियों और रास्तों पर बिजली लाइन भी मकानों की दीवारों से सटकर निकली हुई है। लेकिन न तो इन पर बिजली कंपनी का कोई ध्यान है और न ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधि कोई गंभीरता दिखाते हैं।
हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार
पूरे शहर में निकली लापरवाही की इस बिजली लाइन और घरों में चुने हुए इन बिजली के खंभों पर बिजली कंपनी तो रहवासियों को ही जिम्मेदार बताकर जिम्मेदारी से दूर हट जाती है। जबकि शहरवासी जितेंद्र पंवार का कहना है कि बिजली कंपनी भविष्य की योजना को देखते हुए लाइन को व्यवस्थित नहीं करती और खाली दिखी जगहों से मनमाने तरीके से लाइनें निकाल ली जाती है। लोगों का कहना है कि निर्माण के समय बिजली कंपनी से उनकी निजी जगह से खंभे सरकारी रास्तों के किनारे शिफ्ट करने की मांग की जाती है तो कंपनी लाखों रुपए का बिल पकड़ा देती है। ऐसे में लोग इस डर साए में रहने को मजबूर है। अब बड़ा सवाल यह है कि यदि कभी लापरवाही या गलती से हादसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
वर्जन...
वसूली कार्य चल रहा था। आपसे जानकारी मिली है। डेंजर लोकेशन होगी तो आज से मेंटेनेंस कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
-स्वप्निल डावर, कनिष्ठ यंत्री विविकं बड़वानी
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