scriptकोविड काल के 18 माह बाद स्कूल की दहलीज चढ़े नौनिहाल बच्चे | School went to school after one and a half year of covid period | Patrika News

कोविड काल के 18 माह बाद स्कूल की दहलीज चढ़े नौनिहाल बच्चे

locationबड़वानीPublished: Sep 22, 2021 11:02:24 am

Submitted by:

vishal yadav

कोरोना संक्रमण के चलते डेढ़ साल बाद खुले प्राथमिक स्कूल, 50 प्रतिशत क्षमता के विरुद्ध कहीं पांच, दस, तो कहीं 20 प्रतिशत रही उपस्थिति

School went to school after one and a half year of covid period

School went to school after one and a half year of covid period

बड़वानी. कोरोना काल में घरों पर ही मस्ती की पाठशाला में धूम मचा रहे नौनिहालों के भी सोमवार से स्कूल शुरू हो गए। हालांकि शुरुआत दो दिन में अब तक उपस्थिति नाम मात्र नजर आ रही है। 18 माह के बाद 50 फीसदी क्षमता के साथ लगने वाली स्कूलों में मंगलवार को कहीं पांच, दस, तो कहीं 20 प्रतिशत उपस्थिति रही। इसके साथ ही अब नर्सरी से लेकर कॉलेज स्तर पर नियमित कक्षाएं लगने लगी है।
कुछ पालक अपने बच्चों को उत्साह से स्कूल लेकर पहुंचे। वहीं बच्चों के चेहरों पर खुशियां नजर आई। स्कूलों में पालकों के सहमति पत्र लेकर बच्चों को प्रवेश दिया गया। हालांकि फिलहाल उपस्थिति नाममात्र है। ऐसे में शिक्षा विभाग को खासकर प्राथमिक के छोटे बच्चों को स्कूल तक लाने में मशक्कत करना पड़ सकती है। बता दें कि पिछले माह सबसे पहले कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता से खुली। वहीं इस माह एक तारीख को कक्षा छह से आठ के विद्यार्थियों की कक्षाएं लगना शुरु हुई। इसके बाद 15 सितंबर से कॉलेजों की कक्षाओं में भी पढ़ाई की हलचल होने लगी है। आखिर में शासन ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाने की तैयारी की।
पिछले वर्ष से नहीं देखा स्कूल का मुंह
कोरोना संक्रमण फैलने के बाद पिछले वर्ष मार्च माह में कक्षा एक से आठ तक की परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। हालांकि कक्षा 10 के दो विषयों में ग्रेडिंग देना पड़ी थी और कक्षा 12 के कुछ विषयों की परीक्षाएं दो माह बाद ली गई थी। इसके बाद सत्र 2020-21 में स्कूल-कॉलेजों में ऑफ लाइन कक्षाओं का संचालन नहीं हो सका। वहीं कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई। इस वर्ष परीक्षा के एन मौके पर कोरोना संक्रमण फैलने से किसी भी कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं हुई और पिछली कक्षाओं का आंकलन कर सभी को उत्तीर्ण की पात्रता देना पड़ी। इस दौरान पिछले वर्ष फरवरी माह से अब तक प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों की घरों पर ही मस्ती की पाठशाला में व्यस्त नजर आ रहे थे।
करीब ढाई लाख विद्यार्थियों के प्रवेश हुए
कोरोना की पहली व दूसरी लहर के बाद विद्यार्थियों में स्कूल को लेकर रुचि में कमी आई है। इसमें मुख्य रुप से छोटे विद्यार्थी प्रभावित हुए। जानकारी के अनुसार इस सत्र में कक्षा एक से 12 तक में करीब ढाई लाख विद्यार्थियों का प्रवेश हुए है।
आसान नहीं होगा पढ़ाई की धारा में लाना
डेढ़ वर्ष से अधिक समय तक स्कूलों से दूर अपनी मस्ती की दुनिया में व्यस्त रहने वाले नैनिहालों को भले ही कोरोना के चलते उत्तीर्ण की पात्रता मिल गई और बिन पढ़े कक्षाएं बढ़ गई, लेकिन अब स्कूलों की ओर उनका रुख मोढऩा और कक्षा अनुरुप पढ़ाई की धारा में लाना आसान नहीं होगा। क ख ग से ए बी सी डी और गिनती-पहाड़ों का पाठ फिर से पढ़ाने में शिक्षकों को मशक्कत करना होगी।
जिला : बड़वानी
शा. हाईस्कूल-हायर सेकंडरी : 157
शा. प्राथमिक विद्यालय : 2362
शा. माध्यमिक विद्यालय : 679
कक्षा एक से 12 तक दर्ज विद्यार्थी करीब ढाई लाख
निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की
राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश पर जिले में प्राथमिक स्कूलों में कक्षाएं लगना शुरु हुई है। आज प्रावि-मावि सोसाड़ फलिया अंजड़, प्रावि, मावि कुआं निरीक्षण किया।
-संजयसिंह तोमर (डीपीसी)

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