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बड़वानी

हजारों वर्ष प्राचीन दिगंबर संप्रदाय की प्रतिमाओं का हो रहा है जीर्णोद्धार

-बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु, त्रिकोणी संगम के साथ पांच पांडव गुफाओं को पारंपरिक नाम से भी जाना जाता है, हजारों वर्ष प्राचीन दिगंबर संप्रदाय की प्रतिमाओं का हो रहा है जीर्णोद्धार

बड़वानीNov 25, 2022 / 11:56 am

harinath dwivedi

 Statues of ancient Digambar sect are being renovated

Statues of ancient Digambar sect are being renovated

(विशाल यादव/के काशीनाथ भंडारी)…
बड़वानी/खेतिया. मांगीतुंगी मार्ग पर शहादा नगर से 4 किमी पहले दरा फाटा बांध के समीप करीब 2200 वर्षों से भी पुराने दिगंबर संप्रदाय की प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान है, जिसका जीर्णोद्धार एवं संरक्षण का कार्य दिल्ली के ट्रस्ट संस्थानम अभय दानम के माध्यम से कराया जा रहा है, जो पूर्ण होने के समीप है।
मंदिर के प्रांगण में ही पक्षी चिकित्सालय भी स्थित है। जहां विभिन्न प्रकार के घायल पशु-पक्षियों का एवं उनके छोटे-छोटे बच्चों का लालन-पालन एवं इलाज किया जा रहा है। क्षेत्र में इस प्रकार का पक्षी चिकित्सालय गौरव एवं आश्चर्य का विषय है। मंदिर में दर्शन के लिए यात्री दूर-दूर से आकर पुण्यार्जन प्राप्त करते रहते है। जिनकी व्यवस्था के लिए 30-40 कमरों वाला 2 मंजिला आश्रम बनने के लिए तैयार है। इसमें बच्चों को धर्म की शिक्षा के साथ विचरण करने वाले साधु-सन्यासियों को भी आश्रय प्राप्त होगा। ये सुंदर स्थान महाराष्ट्र एवं मप्र के पहाड़ों से निकलने वाली नदियों का संगम, जो दरा फटा बांध के सामने होता है। जिसे त्रिकोणी संगम के साथ पांच पांडव गुफाओं के पारंपरिक नाम से भी जाना जाता है।
पत्थरों से निर्मित तीन मंजिला विशाल आश्रम था
ये भी मान्यता है कि किसी समय यहां पत्थरों से निर्मित तीन मंजिला विशाल आश्रम हुआ करता था, जिसमें जैन संप्रदाय के साधु यात्रा के समय विश्राम किया करते थे, तो कुछ साधु स्थाई तौर पर गुफाओं में निवास भी करते थे, किन्तु समय के साथ एवं कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से ये क्षेत्र जीर्ण-शीर्ण हो चुका था। जिसे दिल्ली के ट्रस्ट संस्थानम अभय दानम द्वारा उत्तम स्वरुप दिया जा रहा है। इन हजारों वर्षों में आई नदियों की भयंकर बाढ़ एवं पानी ने इन गुफाओं को काफी क्षति पहुंचाई थी। 13वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में आए भूकंप की वजह से इन प्राचीन गुफाओं को काफी नुकसान हुआ था। वर्तमान में दो गुफाओं में 50 से अधिक प्रतिमाएं है। जिनमें प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथम गुफा में मूलनायक श्री 1008 नेमिनाथ भगवान एवं द्वितीय गुफा में श्री 1008 नमिनाथ भगवान की अतिशयकारी प्रतिमा विराजमान है। जिनके दर्शन मात्र से प्राणियों का कल्याण हो जाता है।
24 कमरों की आधुनिक धर्मशाला का होगा निर्माण
तीर्थंकर लेणी में यात्रियों के रुकने के लिए 24 कमरों की आधुनिक धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है। इसमें एक कमरे की निर्माण राशि 5,55,555 रुपए है। यात्रियों के भोजन के लिए एक आधुनिक एवं विशाल भोजनशाला का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसकी निर्माण राशि 51,00,000 रुपए है। इसके अलावा साधु-संतों के लिए संत भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 20 कमरे प्रस्तावित हे। जिसके एक कमरे की निर्माण राशि 5,00,000 रुपए रखी गई है। बच्चों की शिक्षा के लिए एक गुरुकुल का निर्माण भी होना है। इसमें कुल 30 कमरों का निर्माण कराया जाएगा। जिसके एक कमरे की निर्माण राशि करीब 5,00,000 रुपए है। गोशाला में एक गाय का सालाना खर्च 21,000 रुपए है। संस्था पशु-पक्षियों के लिए एक अस्पताल भी संचालित कर रही है। जिसमें पशु-पक्षियों को लाने के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता होती है। एक एंबुलेंस की राशि 8,00,000 रुपए है।

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