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बड़वानी

…कहीं जानलेवा न हो जाए ये सफर, खरगोन भीषण हादसे के बाद भी सबक नहीं

खरगोन के भीषण हादसे के बाद भी सबक नहीं ले रहा स्थानीय प्रशासन-बेरोकटोक हो रही ट्रांसपोर्ट वाहनों पर बेतहाशा ओवरलोडिंग, दुर्घटना हुई तो जान गवा सकते है कई लोग-एक वाहन में 30 से लेकर 50 लोगों तक कर रहे जानलेवा सफर- शादियों के सीजन में परिवहन हो रहा अधिक

बड़वानीMay 12, 2023 / 12:13 pm

harinath dwivedi

 Unabated overloading on transport vehicles

Unabated overloading on transport vehicles

बड़वानी/सेंधवा.
खरगोन में 2 दिन पहले हुआ भीषण बस दुर्घटना कांड से भी स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। दिन भर लोग जानलेवा सफर कर रहे है, लेकिन प्रशासन और पुलिस की रोक टोक नहीं होने से किसी भी दिन नगरिया ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा हादसा हो सकता है। नगर के मध्य से परिवहन करने वाले वाहन बेतहाशा ओवरलोडिंग कर रहे हैं, लेकिन लापरवाही पर कार्रवाई करना तो दूर जिम्मेदार अधिकारी इन्हें रोकना भी जरूरी नहीं समझ रहे है।
नगर सहित ग्रामीण अंचल में बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्ट वाहनों पर आम लोगों को बैठाकर सफर कराया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट पॉसिंग वाहनों पर नियम अनुसार सिर्फ सामान का परिवहन किया जा सकता है, लेकिन सेंधवा में नियम कानूनों को ताक पर रखकर आम लोगों को भेड़ बकरियों की तरह खचाखच भर कर परिवहन कराया जा रहा है। गुरुवार को निवाली रोड पर वाहन क्रमांक एमपी 46 जी 2487 और नया बस स्टैंड समीप वाहन क्रमांक एमपी 46 जी 1979 पर लापरवाही देखी गई। ट्रांसपोर्ट वाहनों में बैठने की जगह नहीं होने की वजह से लोग खड़े होकर या लटककर सफर कर रहे हैं। सबसे गंभीर बात है कि ऐसे वाहनों पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते है। एक ट्रांसपोर्ट वाहनों में 40 से 50 लोगों तक बैठाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि दुर्घटना होती है, तो और समय लोग काल के गाल में समा सकते है। इस तरह की लापरवाही को रोकना चाहिए।
शादियों के सीजन में बढ़ रही भीड़
वर्तमान में हर तरफ शादियों और अन्य समारोह का आयोजन हो रहा है। नगर में बाहर से लोग आ रहे है, तो सेंधवा के नगर और ग्रामीण अंचलों से भी शादी आयोजनों के लिए बड़ी संख्या में लोग अन्य क्षेत्रों में जा रहे हैं। ऐसे में सामान्य दिनों की अपेक्षा परिवहन अधिक हो रहा है। स्वाभाविक बात है कि शादियों की वजह से परिवहन में इजाफा हुआ है। गरीब और सामान्य तबके के परिवार बारात लाने ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट वाहन का प्रयोग कर रहे हैं। लोग ट्रैक्टर पिकअप सहित अन्य ट्रांसपोर्ट वाहनों पर सवार होकर जा रहे है। यही दुर्घटना का भी बड़ा कारण बन सकता है। यात्री वाहनों की अपेक्षा ट्रांसपोर्ट वाहनों पर लोगों का परिवहन कराना अपेक्षाकृत सस्ता होता है। इसलिए लोग कम खर्च की लालच में जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे है।
लापरवाह बन रहे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी
खरगोन की घटना के बाद समूचे क्षेत्र में वाहनों के फिटनेस सहित अन्य सुविधाओं पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में जानलेवा परिवहन को रोके और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करें, लेकिन सेंधवा के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में हो रहे लापरवाह परिवहन से प्रशासन की पोल खुल गई है। यहां अधिकारी सिर्फ औपचारिकता भरी कार्रवाई कर रहे है। वाहन चालकों में अधिकारियों का ना ही पुलिस का डर देखा जा रहा है। हर कोई अपने तरीके से मनमानी करने में लगा हुआ है, जिस कारण किसी भी रोज बड़ा हादसा हो सकता है। सेंधवा के बीच से नेशनल हाइवे क्रमांक 3 और सेंधवा खेतिया स्टेट हाइवे व सेंधवा कुशलगढ़ स्टेट हाइवे गुजर रहा है जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा सिर्फ चालानी कार्रवाई से कुछ सही होगा। परिवहन के दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन कराना जरूरी है।
वर्जन…
लोडिंग वाहनों पर जल्द कार्रवाई करेंगे। सेंधवा अनुभाग में ट्रांसपोर्ट वाहनों पर लोगों का परिवहन करने वालों पर कार्रवाई करेंगे।
-कमल सिंह चौहान, एसडीओपी, सेंधवा
ट्रांसपोर्ट वाहनों पर लोगों को परिवहन कराना गलत है। पुलिस और आरटीओ विभाग को कार्रवाई करना चाहिए हम पत्र जारी करेंगे।
-अभिषेक सराफ, एसडीएम सेंधवा

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