गौरतलब है कि 8 जुलाई की रात झांसी जेल से पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले बागपत जिला कारागार लाया गया था। जहां 9 जुलाई की सुबह उसका तनहाई बैरक में कुख्यात सुनील राठी के साथ किसी बात पर विवाद हो गया। आरोप है कि इस दौरान कुख्यात राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने जिला कारागार के सेफ्टी टेंक से एक पिस्टल, दो मैगजीन और 22 कारतूस बरामद किए थे। बाद में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कुख्यात 14 जुलाई को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि, फिलहाल कुख्यात सुनील राठी दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद है। सोमवार को बजरंगी हत्याकांड में कुख्यात को सख्त सुरक्षा घेरे में कोर्ट में पेश किया गया, पेशी के दौरान कचहरी परिसर छावनी बनी रही। इस दौरान सघन चैकिंग अभियान चलाकर पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखी गई। कोर्ट में पेश होने के बाद कुख्यात राठी को सुरक्षित तिहाड़ जेल भेज दिया गया, इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के पसीने छूटते रहे।
परिसर से कोर्ट तक की वीडियो ग्राफी
बागपत। कोर्ट में कुख्यात की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस व कोतवाली पुलिस पूरी तरह से अलर्ट रही। इस दौरान पुलिस ने कुख्यात की वाहन से उतरने से लेकर कोर्ट पहुंचने तक आने जाने की पूरी वीडियो ग्राफी की। इस दौरान कई संदिग्धों को भी परिसर से बाहर खदेड़ा गया।
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हप्पू व कुख्यात नहीं हो सके आमने-सामने
बागपत। एक लाख का ईनामी बदमाश रहा कुख्यात अजित उर्फ हप्पू व कुख्यात सुनील राठी की पुरानी दुश्मनी है। जिला जेल में दोनों कुख्यातों की गुर्गो के बीच कई बार गैंगवार भी हुई। बाद में हप्पू को मेरठ जेल शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान कई बार हप्पू ने राठी पर हत्या की धमकी का भी आरोप लगाया। बताया गया कि सोमवार को राठी व हप्पू दोनों की पेशी होनी थी। जिसके मद्देनजर कई थानाध्यक्ष अलग अलग पाजिशन पर नजरे बनाकर बैठे रहे, हालांकि कुख्यात की पेशी तक हप्पू कोर्ट नहीं पहुंचा था। कुख्यात के कोर्ट से निकलने के बाद ही पुलिस ने राहत की सांस ली थी।